बोले इसरो के अध्यक्ष-पांच साल में बनेगा अपना अंतरिक्ष केंद्र, 2040 तक चंद्रमा पर खुद भेजेंगे यात्री
मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में विकसित भारत 2047 के निर्माण के लिए हिमालयी राज्यों के परिपेक्ष्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अंतरिक्ष सम्मेलन हुआ
भारत पांच साल में अपना अंतरिक्ष केंद्र बनाएगा और वर्ष 2040 तक चंद्रमा पर स्वयं अंतरिक्ष यात्री भेजने शुरू कर देगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. वी नारायणन ने बताया कि ऐसा रॉकेट तैयार हो रहा है, जो 75,000 किलो के सेटेलाइट को ले जा सकेगा
मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में विकसित भारत 2047 के निर्माण के लिए हिमालयी राज्यों के परिपेक्ष्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अंतरिक्ष सम्मेलन हुआ। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के विकसित भारत@2047 के संकल्प को साकार करने की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा।
इसरो चेयरमैन डॉ. वी नारायणन ने कहा कि 1963 में भारत ने पहला रॉकेट लांच किया था। 1963 से अब तक भारत ने 100 से अधिक रॉकेट लांच किए। 1975 तक हमारे पास अपने सेटेलाइट नहीं थे, लेकिन अब भारत के पास 131 सेटेलाइट हैं।
उन्होंने बताया कि इसरो अब ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम पर कार्य कर रहा है। उस रॉकेट पर कार्य कर रहे हैं, जो पृथ्वी की निचली कक्षा पर 75,000 किलो तक के सेटेलाइट को लांच करेगा, जिसे करीब 27 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।
इसरो चेयरमैन ने कहा कि एक समय था, जब हम रॉकेट साइकिल से ले जाया करते थे। आज भारत ने कई विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। हमने दुनिया में सबसे पहले चंद्रमा पर पानी के अणु की मौजूदगी का पता लगाया। भारत पहला देश है, जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड किया है।
भारत, आदित्य एल-1 मिशन के साथ सूर्य का अध्ययन करने वाला चौथा देश बन गया है। हमने पहले प्रयास में ही मंगल की कक्षा में प्रवेश किया था। मंगल ग्रह की कक्षा में उपग्रह भेजने वाला चौथा देश है। हमारा लक्ष्य 2030 तक अपना अंतरिक्ष केंद्र बनाने और 2040 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने का है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।

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