सरकारी विभागों में शिकायत करने को बदले नियम, शिकायतकर्ता को करना होगा यह काम
सीएम पोर्टल तक भी कई ऐसी शिकायतें पहुंच रही है जिसमें पत्राचार करने पर पता व नंबर ठीक नहीं होता। ऐसे में फालतू शिकायतों को रोकने के लिए शिकायतों के साथ शपथपत्र देना अनिवार्य किया गया है।
उत्तराखंड के सरकारी विभागों में शपथ पत्र के बिना शिकायतें मान्य नहीं होंगी। विभागों में लग रहे फर्जी शिकायतों के अंबार को देखते हुए शिकायतों के साथ शपथ पत्र लेना अनिवार्य किया गया है।सरकारी विभागों में कर्मचारियों व वहां काम करने वाली एजेंसियों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिलती हैं।
इसमें से कुछ शिकायतें सही होती हैं तो बड़ी संख्या में गलत भी पाई जाती हैं। अधिकारियों के अनुसार विभागों में झूठी शिकायतों का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। लोग कई बार आपसी विवाद तो कई बार एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने के मकसद से छद्म नाम से शिकायतें कर या करा रहे हैं।
ऐसे शिकायती पत्रों की जांच के अधिकारी, कर्मचारियों का समय बेवजह खराब हो रहा है। सीएम पोर्टल तक भी कई ऐसी शिकायतें पहुंच रही है जिसमें पत्राचार करने पर पता व नंबर ठीक नहीं होता। ऐसे में फालतू शिकायतों को रोकने के लिए शिकायतों के साथ शपथपत्र देना अनिवार्य किया गया है। ताकि कोई भी व्यक्ति सही शिकायत करे और उस पर कार्रवाई भी कराई जा सके।
सरकारी विभागों में उन्हीं शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा जिसमें शिकायतकर्ता का शपथ पत्र हो। बड़ी संख्या में गलत नाम से भेजी जाने वाली शिकायतों को देखते हुए यह निर्देश दिए गए हैं।
आनंद बर्द्धन, अपर मुख्य सचिव
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