रुद्रनाथ ट्रैक खोए छह युवक… SDRF और वन विभाग ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन, सभी काे सुरक्षित निकाला
रुद्रनाथ ट्रैक पर मंडल-अनुसूया मार्ग पर छह युवक रास्ता भटक गए। एसडीआरएफ पुलिस और वन विभाग ने संयुक्त रेस्क्यू अभियान चलाकर उन्हें बचाया। युवकों का दल हंस बुग्याल के पास रास्ता भूला था। पंजीकरण और गाइड शुल्क के कारण तीर्थयात्री असहज महसूस कर रहे हैं जिससे वे नियमों का पालन करने से बच रहे हैं। वन विभाग ने घटना की जानकारी मिलने पर तत्काल कार्रवाई की।
रुद्रनाथ ट्रेक पर मंडल अनुसूया पैदल रास्ते से जा रहे छह युवकों के रास्ता भटकने पर एसडीआरएफ व पुलिस ने रेस्क्यू अभियान चलाया। इस रेस्क्यू अभियान में वनकर्मियों ने भी सहयोग किया। बताया गया कि 24 मई को छह युवकों का दल अनुसूया हंस बुग्याल के रास्ते रुद्रनाथ गया था। इस दल में अभिनव निवासी विवेकानंद कॉलोनी देहरादून, मोहित सहगल निवासी-रेलवे रोड गंगानगर, आदित्य बर्थवाल निवासी-पोखरी, महेश रावत निवासी-जोगीवाला, अरुज रावत निवासी-जोगीवाला, रूवम सिंह निवासी इंदिरा नगर ऋषिकेश शामिल थे।
यह दल हंस बुग्याल के पास करीब तीन किमी पहले रास्ता भटक गया। जिससे उन्हें न वापस जाने का रास्ता मिला ओर नहीं आगे का। रात्रि होने के चलते दल के सदस्य घबरा गए। मध्यरात्रि को 112 के माध्यम से युवकों के जंगल में फंसने की सूचना पुलिस को मिली।
थानाध्यक्ष गोपेश्वर विनोद चौरसिया ने बताया कि फोन करने वाले युवकों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन युवकों का फोन बंद आया उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया। जिसके बाद पुलिस ने सर्विलास सेल की मदद से फोन की लोकेशन निकाला और मौके के लिए पुलिस व एसडीआरएफ रवाना की गई।
अंधेरे में पहाड़ी रास्ता होने के कारण रात्रि को रेस्क्यू अभियान नहीं हो पाया। हालांकि तड़के रेस्क्यू अभियान चलाया गया तो सभी युवक सकुशल मिल गए। युवकों ने रात्रिभर जंगल में रात गुजारी, इस दौरान उन्हें रात्रि को जंगली जानवरों का डर भी सताया। युवकों में एक की तबीयत खराब होने के चलते स्थितियां ओर भी जटिल हो गईं थीं। एसडीआरएफ, वन विभाग द्वारा सभी युवकों को रेस्क्यू कर वापस लाया गया।
तीर्थयात्री यात्रा शुल्क को लेकर भी जता रहे असहजता
रुद्रनाथ धाम की यात्रा दुर्गम मानी जाती है। इस बार रुद्रनाथ की यात्रा को लेकर केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने सगर के अलावा,गंगोलगांव,ग्वाड़,कुंजौ मैकोट , मंडल सिरोली के रास्ते यात्रा खोली गई है। इसके लिए पंजीकरण आवश्यक है। पंजीकरण के साथ यात्री को दौ सौ रुपए का शुल्क लिया जा रहा है। पंजीकरण के बाद ईको विकास समिति के माध्यम से स्थानीय गाइड को भी साथ ले जाना आवश्यक है। इसके लिए गाइडों को प्रशिक्षित भी किया गया है। फंसे युवकों के साथ न तो कोई गाइड था ओर पंजीकरण भी तीन यात्रियों के किए गए थे।
ऐसे में वन विभाग के कार्यप्रणाली में सवाल उठाना लाजिमी है। फिलहाल तीर्थयात्री गाइड को ले जाने के लिए करनी काट रहे हैं । इसका कारण यह भी है कि रुद्रनाथ जाने के लिए दौ सौ वन विभाग व 50 रुपए ईको विकास समिति का सफाई शुल्क व गाइड को यात्रा के दौरान 1500 सौ से दो हजार की राशि दिए जाने को यात्री असहज हो रहा है। ऐसे में वह सरकारी नियमों से करनी काट रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
मंडल घाटी के अनुसूया रुद्रनाथ पैदल ट्रेक पर गए दल में तीन लोगों का पंजीकरण है। तीर्थयात्रियों के फंसने के बाद वन विभाग को जानकारी मिली तो तत्काल रेस्क्यू किया गया गाइड न होना व तीन अन्य का पंजीकरण न होने को लेकर जानकारी मांगी गई है। तरुण एस, प्रभागीय वनाधिकारी, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 न्यूज़ हाइट के समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
अपने क्षेत्र की ख़बरें पाने के लिए हमारी इन वैबसाइट्स से भी जुड़ें -
