उम्मीदवारों को लेकर पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर कांग्रेस में रार, ये हैं टिकट के दावेदार
उपचुनाव में कांग्रेस एकजुट होने का दावा कर रही, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के बीच मनमुटाव से दावों की पोल खुल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने विधायक भुवन कापड़ी व वीरेंद्र जाती को पर्यवेक्षक नियुक्ति किया।
केदारनाथ उपचुनाव में उम्मीदवारों को लेकर पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर कांग्रेस में रार छिड़ गई है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की अगुवाई में चार सदस्यीय पर्यवेक्षकों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बाईपास कर रिपोर्ट सीधे प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा को सौंपी है। यह पहली बार है, जब पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को नहीं दी है।
उपचुनाव में कांग्रेस एकजुट होने का दावा कर रही, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के बीच मनमुटाव से दावों की पोल खुल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने विधायक भुवन कापड़ी व वीरेंद्र जाती को पर्यवेक्षक नियुक्ति किया। अगले दिन प्रदेश प्रभारी ने पर्यवेक्षकों में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल व बदरीनाथ से विधायक लखपत बुटोला को शामिल किया।
19 अक्तूबर को चारों ने केदारनाथ विस क्षेत्र का दौरा कर पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया। पार्टी की परंपरा रही है कि पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपते हैं। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस ही प्रत्याशियों का पैनल हाईकमान को भेजती है, लेकिन इस बार पर्यवेक्षकों ने सीधे रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी को भेजी है।
टिकट के दावेदार
केदारनाथ विस उपचुनाव के लिए 13 कांग्रेसियों ने टिकट के लिए दावेदारी पेश की है। जिसमें पूर्व विधायक मनोज रावत, जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण, आलोक बगबाड़ी, लक्ष्मण रावत, वीर सिंह बुडेरा, विनोद राणा, कुलदीप कंडारी, शशि सेमवाल, गणेश तिवारी, शिशुपाल सिंह बिष्ट, अवतार सिंह नेगी, ऋतु पुष्पवाण, अभिषेक भंडारी के नाम शामिल हैं।
चुनाव से पहले जो भी पर्यवेक्षक नियुक्ति किए जाते हैं, वह अपनी रिपोर्ट पीसीसी को सौंपते हैं। इसके बाद ही पीसीसी प्रत्याशियों का पैनल हाईकमान को भेजती है, लेकिन रिपोर्ट पीसीसी को नहीं मिली है। दिल्ली में होने वाली बैठक में रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी।
– करन माहरा, प्रदेश अध्यक्ष
मुझे पर्यवेक्षक प्रदेश प्रभारी ने नियुक्त किया है। जो नियुक्ति करता है, रिपोर्ट उसी को दी जाती है। रिपोर्ट में कोई सुझाव नहीं दिया है। सभी 13 दावेदारों का फीडबैक शामिल हैं। जिस पर हाईकमान को निर्णय लेना है।
– गणेश गोदियाल, पर्यवेक्षक एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
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