ऋषिकेश एम्स में अब सिर्फ 3 घंटे ही बनेंगे ओपीडी में आने वाले मरीजों के पर्चे, जानिए क्या है नई टाइमिंग
उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए जरूरी खबर है। एम्स ऋषिकेश में शुक्रवार से ओपीडी रजिस्ट्रेशन…
उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) (AIIMS Rishikesh) में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए जरूरी खबर है। एम्स ऋषिकेश में शुक्रवार से ओपीडी रजिस्ट्रेशन के समय में आंशिक बदलाव कर अब इसे एक घंटा कम कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक रेजिडेंट महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी और हत्या के बाद देशभर में रेजिडेंट्स डॉक्टरों की हड़ताल के चलते ऐसा किया गया है।
मरीजों की दिक्कतों को देखते हुए हड़ताल जारी रहने तक ओपीडी में अब उनका रजिस्ट्रेशन, सुबह 7:00 बजे से 10:00 बजे तक किा जाएगा। यह व्यवस्था शुक्रवार 16 अगस्त से शुरू होकर हड़ताल खत्म होने तक जारी रहेगी।
एम्स के चिकित्सा अधीक्षक, प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सामान्य दिनों में ओपीडी रजिस्ट्रेशन का समय सुबह 7:00 से 11:00 बजे तक रहता है। लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए शुक्रवार से इस समय में परिवर्तन कर एक घंटा कम कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अग्रिम आदेशों तक अगला ओपीडी रजिस्ट्रेशन का समय अब सुबह 7:00 से 10:0 लेख बजे तक मात्र तीन घंटे ही रहेगा।
प्रो. मित्तल ने बताया कि कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में महिला रेजिडेंट डॉक्टर की हत्या के विरोध में इन दिनों देशभर के अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का असर अन्य अस्पतालों सहित एम्स ऋषिकेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ा है। इस समस्या को देखते हुए एम्स अस्पताल प्रशासन ने हड़ताल के चलते अग्रिम आदेशों तक ओपीडी रजिस्ट्रेशन के समय में बदलाव किया है।
देश के टॉप-50 अस्पतालों की लिस्ट में 14वें स्थान पर रहा था एम्स ऋषिकेश
बता दें कि, हाल ही में एम्स ऋषिकेश ने देश के टॉप-50 मेडिकल इंस्टीट्यूट्स में 14वां स्थान हासिल किया है। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने सोमवार 12 अगस्त को देश के टॉप-50 अस्पतालों की लिस्ट जारी की थी। इसमें उत्तराखंड के ऋषिकेश एम्स को इस बार देश के चुनिंदा 50 चिकित्सा संस्थानों में 14वां अगला स्थान हासिल हुआ है।
पिछली बार एम्स ऋषिकेश 22वें नंबर पर था। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत बने सभी 6 एम्स संस्थानों की बात करें तो एम्स ऋषिकेश इन सभी में पहला स्थान बनाने में कामयाब हुआ है। उल्लेखनीय है कि एनआईआरएफ द्वारा कई श्रेणियों में देश के शैक्षणिक संस्थानों की लिस्ट जारी की जाती है। एनआईआरएफ रैंकिंग की शुरूआत वर्ष 2016 में शुरू हुई थी।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुषमा स्वराज के हाथों वर्ष 2004 में एम्स ऋषिकेश की आधार शिला रखी गई थी। एम्स ऋषिकेश में यूजी कोर्स की पढ़ाई वर्ष 2012 में शुरू हुई। मौजूदा समय में यहां मेडिकल, नर्सिंग तथा पैरामेडिकल में यूजी, पीजी और सुपरस्पेशलिटी के कोर्स संचालित हो रहे हैं।
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