Uttarakhand: केदारनाथ आपदा में 15 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू, सचिव ने राज्यपाल को दी जानकारी
सचिव ने राज्यपाल को बताया,31 जुलाई को केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग में अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू करने के लिए सीएम धामी ने स्वयं रेस्क्यू अभियान की सतत निगरानी की।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) से बृहस्पतिवार को राजभवन में सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने केदारनाथ क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों के संबंध में राज्यपाल को जानकारी दी।
सचिव ने राज्यपाल को बताया,31 जुलाई को केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग में अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू करने के लिए सीएम धामी ने स्वयं रेस्क्यू अभियान की सतत निगरानी की। सीएम के कुशल नेतृत्व में छह जुलाई को राहत एवं बचाव कार्य सफलतापूर्वक संपन्न कर लिए गए हैं, जिसमें 15 हजार से अधिक यात्री एवं स्थानीय लोगों को हवाई व पैदल मार्गों से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।
सचिव ने बताया, अतिवृष्टि से 29 स्थानों पर भू-स्खलन की चपेट में आने से पैदल एवं सड़क मार्ग अवरुद्ध हुआ है। पेयजल और विद्युत की लाइनों सहित बड़ी संख्या में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं। बताया, जो मार्ग क्षतिग्रस्त हैं, उनकी मरम्मत करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।
बताया, केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए एक एमआई और एक चिनूक सहित पांच स्टेट हेलिकॉप्टरों के माध्यम से यात्रियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। सचिव ने बताया, राहत एवं बचाव कार्यों में लगभग 1,200 मानव संसाधन के अलावा स्थानीय लोगों का भरपूर सहयोग रहा। बताया, सात अगस्त से केदारनाथ के लिए हेली सेवाएं प्रारंभ की गई हैं।
राज्यपाल ने कहा, सीएम के नेतृत्व में अभियान को जिस तत्परता से अंजाम दिया गया, वह सराहनीय है। कहा, प्रतिकूल मौसम के बावजूद अभियान को पूरी योजनाबद्ध तरीके से संपन्न किया गया। उसके लिए अभियान में शामिल सभी कार्मिक सराहना के पात्र हैं। कहा, इस तरह की चुनौतियों से आगे के लिए सबक लेने की जरूरत है। कहा, हमें इस प्रकार की परिस्थितियों और चुनौतियों के लिए हर पल तैयार रहना चाहिए।
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