प्रदेश के पुनर्गठन मंत्री डॉ0 प्रेम चन्द अग्रवाल ने विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में पुनर्गठन विभाग तथा संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश से विभाजित होने के पश्चात से ही उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश के बीच परिसम्मपत्तियों के बंटवारे को लेकर बातचीत तथा बैठकें समय-समय पर आयोजित की जाती रही हैं। इसी कड़ी में आज भी परिसम्मपत्तियों को लेकर पुनर्गठन से जुड़े हुए सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की गई।
पुनर्गठन मंत्री ने कहा कि मुख्यतः वन, सिंचाई, ऊर्जा और सहकारिता विभाग से संबंधित परिसम्मपत्तियों के संबंध में चर्चा की गई। जिसमें सहकारिता विभाग के अंतर्गत यह पाया गया कि उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखण्ड को लगभग रूपये 10 करोड़ 44 लाख की धनराशि देय है जबकि उत्तराखण्ड द्वारा उत्तर प्रदेश को लगभग रूपये 03 करोड़ 33 लाख की धनराशि देय है जिस हेतु दोनों राज्य में सहमति बनी है।
मंत्री ने कहा कि ऊर्जा से संबंधित मामला मा0 सुप्रीम कोर्ट में लंबित है जिसपर मा0 सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि कृषि के अंतर्गत लगभग रूपये 01 करोड़ 13 लाख की धनराशि उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखण्ड को दिये जाने पर उत्तर प्रदेश द्वारा सहमति दी गई है।
पुनर्गठन मंत्री ने कहा कि वन तथा सिंचाई के कुछ मामलों में बातचीत अभी लंबित है जिस पर विभागीय सचिव स्तर पर आगामी 10 दिनों के भीतर बैठक कर मामलों का निष्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिव स्तर पर बैठक आयोजित कर लंबित मामलों का जल्द से जल्द निष्तारण कर लिया जाए। मंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव स्तर पर भी मामलें का निष्तारण न होने की स्थिति में मुख्यमंत्री स्तर पर मामलों के निष्तारण हेतु मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया जायेगा।
बैठक में सचिव पुनर्गठन, नीरज खैरवाल, अपर सचिव सहकारिता, सोनिका एवं अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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