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Big breaking :-बागेश्वर उपचुनाव से पहले शासन ने इस नेता पर कर दी बड़ी कार्रवाई देखिए आदेश

 

 

जिला पंचायत बागेश्वर के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में हुई अनियमितताओं के सम्बन्ध में श्री शेर सिंह गढिया, निवर्तमान मा० विधायक कपकोट के पत्र दिनांक 20.09.2017 द्वारा निर्माण कार्य योजनाओं हेतु निविदा की सामग्री (सीमेन्ट, सरिया, ईंट, जी०आई पाईप) की आपूर्ति बिना जिला पंचायत सदन में प्रस्ताव पारित कराये, राज्य वित्त / जिला निधि / पर्यटन विभाग से प्राप्त धनराशि के ठेके बिना नियम प्रक्रिया किसी एक ठेकेदार को दिये जाने तथा बिना निविदा प्रक्रिया अपनाये पुलों / पैदल मार्गों के निर्माण बिना तकनीकी परीक्षण कराये, पी०टी०ए० अध्यापकों की नियुक्ति, पिण्डारी रोड आरे में धर्मकांटा स्थापित किये जाने, मुख्यमंत्री राहत कोष से विद्यालयों के मरम्मत आदि कार्यों में बरती गयी अनियमिताताओं से सम्बन्धित शासन को उपलब्ध करायी गयी शिकायत के क्रम में उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (प्रमुखों, उपप्रमुखों, अध्यक्षों तथा उपाध्यक्षों का हटाया जाना) जांच नियमावली, 1997 के नियम-4 में निहित प्राविधान के आलोक में शासन के पत्र संख्या – 767, दिनांक 29.11.2017 द्वारा प्रारम्भिक जांच हेतु जिलाधिकारी बागेश्वर को निर्देशित किया गया।

2. जिलाधिकारी, बागेश्वर के पत्र संख्या – 614, दिनांक 14.02.2018 द्वारा शासन को उपलब्ध करायी गयी प्रारम्भिक जांच आख्या के अनुसार प्रकरण में कुल 15 बिन्दुओं में से बिन्दु संख्या 1, 3, 6, 7, 8, 9 तथा 10 में प्रशासनिक अनियमितताएं एवं बिन्दु संख्या-4 5 तथा 12 में उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली के प्राविधानों का उल्लंघन किये जाने की अनियमिताएं परिलक्षित होने के क्रम में शासन के पत्र संख्या 456 दिनांक 04.05.2018 द्वारा उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (प्रमुखों, उपप्रमुखों, अध्यक्षों तथा उपाध्यक्षों का हटाया जाना) जांच नियमावली, 1997 के नियम-5 मे निहित प्राविधान के आलोक में आयुक्त, कुमांऊ मण्डल को प्रकरण की अंतिम जांच सौंपी गयी।

3. आयुक्त, कुमांऊ मण्डल के पत्र संख्या – 457, दिनांक 18.10.2018 द्वारा शासन को उपलब्ध करायी गयी अंतिम जांच आख्या के अनुसार श्री हरीश ऐठानी, तत्कालीन अध्यक्ष / वर्तमान सदस्य, जिला पंचायत बागेश्वर पर आरोप संख्या-1, 4, 5, 6, 7 पूर्णतः सिद्ध होना एवं आरोप संख्या-8 (2) लगायत 8 ( 16 ) 8 ( 18 ) लगायत 8 (20) एवं 8 ( 22 ) लगायत 8 ( 30 ) आंशिक रूप से सिद्ध होने पाये गये।

4. जिलाधिकारी, बागेश्वर की प्रारम्भिक जांच आख्या एवं आयुक्त, कुमांऊ मण्डल की विस्तृत अन्तिम जांच आख्या के अनुसार प्रकरण में उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली के प्राविधानों का उल्लघंन निविदा प्रकाशन में स्थापित नियमों का उल्लंघन जैसी अनियमितताओं की पुष्टि होने के आधार पर उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 की धारा-138 (1) (घ)(iv) में निहित प्राविधान के आलोक में शासन के पत्र संख्या-78/x11(2)/2022/90/19/2017 दिनांक 16.02.2022 के माध्यम से श्री हरीश ऐठानी को विस्तृत कारण बताओ नोटिस निर्गत किया गया।

5. शासन में दिनांक 29.03.2022 को प्राप्त श्री हरीश ऐठानी के दिनांक रहित पत्र के माध्यम से उनको निर्गत कारण बताओ नोटिस दिनांक 16.02.2022 का समुचित प्रत्युत्तर देने व उनके विरूद्ध पूर्ण / आशिक रूप से सिद्ध आरापों में बचाव हेतु आख्या में उल्लेखित समस्त दस्तावेजों, पत्रावलियों यथा निविदा नोटिस तुलनात्मक विवरण कार्यादेश मेजरमेंट बुक, भुगतान आदेश, तत्समय जिला पंचायत की आय व्यय के

वितरण समेत समस्त दस्तावेजों / साक्ष्यों तथा प्रचलित नियमावली उपलब्ध कराये जाने के अनुरोध के क्रम में शासन के पत्र संख्या-216/XII (2)/2022/90 ( 19 ) 2017 दिनांक 31.05.2022 द्वारा श्री ऐठानी को जिलाधिकारी, बागेश्वर द्वारा उपलब्ध कराये गये समस्त अभिलेख उपलब्ध कराते हुए पूर्व निर्गत कारण बताओ नोटिस दिनांक 16.02.2022 का प्रत्युत्तर पत्र प्राप्ति की तिथि के 15 दिनों के भीतर शासन को उपलब्ध कराये जाने हेतु पुनः निर्देशित किया गया।

6. शासन में दिनांक 05.07.2022 को प्राप्त श्री ऐठानी के एक अन्य दिनांक रहित पत्र के माध्यम से पूर्व निर्गत कारण बताओ नोटिस दिनांक 16.02.2022 का समुचित प्रत्युत्तर दिये जाने हेतु लोक सूचना अधिकारी कार्यालय, बागेश्वर में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्रेषित अनुरोध पत्र एवं प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त के तहत 15 दिनों का अतिरिक्त समय प्रदान किये जाने के अनुरोध के क्रम में शासन के पत्र संख्या-327/XII (2)/2022/90 (19/2017 दिनांक 28.07.2022 द्वारा श्री ऐठानी को अन्तिम अवसर प्रदान करते हुए पूर्व निर्गत कारण बताओ नोटिस दिनांक 16.02.2022 का प्रत्युत्तर पत्र प्राप्ति की तिथि के 15 दिनों के भीतर शासन को उपलब्ध कराये जाने हेतु पुनः निर्देशित किया गया।

7. श्री हरीश ऐठानी द्वारा उनको निर्गत कारण बताओ नोटिस दिनांक 16.02.2022 का प्रत्युत्तर 06 माह की अवधि के पश्चात अपने पत्र दिनांक 18.08.2022 के माध्यम से शासन को उपलब्ध कराया गया। श्री ऐठानी द्वारा अपने प्रत्युत्तर के प्रारम्भिक भाग में प्रकरण में उनके विरूद्ध शासन में प्राप्त शिकायत के उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायती एवं जिला पंचायत (प्रमुख, उप प्रमुख, अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को हटाया जाना) जांच नियमावली, 1997 के सुसंगत प्राविधानों के अनुसार नोटरी से सत्यापित एवं शपथपत्र में न होने के कारण विधिक रूप से विचारणीय न होने एवं प्रारम्भ से ही नियमानुसार न होने के कारण शासन स्तर से की गयी समस्त कार्यवाही को विधिक दृष्टि में शून्य होने का उल्लेख करते हुए उक्त शिकायती प्रकरण को निस्तारित किये जाने का अनुरोध किया गया। उक्त सम्बन्ध में न्याय विभाग, उत्तराखण्ड शासन से परामर्श प्राप्त किया गया। न्याय विभाग द्वारा प्रकरण में प्रदत्त परामर्श का संक्षिप्त विवरण निम्नवत् है :-

यद्यपि प्रश्नगत प्रकरण में शिकायत तीन प्रतियों में शपथ-पत्र के माध्यम से नहीं की गई. किंतु इसके बाद जांच नियमावली के अनुसार की गई शिकायत यदि तीन प्रतियों में नहीं की गई, तो यह प्रक्रियात्मक त्रुटि है, जिसको प्रारम्भिक स्तर पर देखा जाना चाहिए था। चूंकि अब नियमावली के अन्तर्गत जांच नियमानुसार करायी गई है। अतः अब उसके अनुसार आगे कार्यवाही की जा सकती है।”

8. श्री हरीश ऐठानी के पत्र दिनांक 18.08.2022 द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रत्युत्तर में आयुक्त, कुमांऊ मण्डल की अन्तिम जांच आख्या के अनुसार उनके विरूद्ध सिद्ध हो रहे आरोपों के सम्बन्ध में कार्यालय, जिला पंचायत बागेश्वर / अपर मुख्य अधिकारी / अन्य कार्मिकों को उत्तरदायी बताया गया है।

यहां उल्लेखनीय है कि यद्यपि जिला पंचायतों के अन्तर्गत जिले में सर्वोच्च कार्यपालक अधिकारी अपर मुख्य अधिकारी होता है जिसका प्रमुख कार्य जिला पंचायत के अन्तर्गत सभी प्रकार से सम्पादित कराये जा रहे कार्यों में निर्धारित प्रक्रिया, वित्तीय नियममों, संगत शासनादेशों इत्यादि का अनुपालन सुनिश्चित करवाना एवं जिला पंचायत के कार्यों यथा निविदा प्रकाशन निविदा आवंटन कार्यादेश निर्गत करना, भुगतान करना इत्यादि में पारदर्शिता प्रशासनिक दक्षता सुनिश्चित करवाना है किन्तु अवगतनीय है कि उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 की धारा-109 में जिला पंचायत अध्यक्ष के कर्तव्यों एवं अधिकारों का उल्लेख किया गया है जिसकी सुसंगत उपधारायें निम्नवत् है :-

 

 

जिला पंचायत के वित्तीय प्रशासन पर दृष्टि रखे तथा कार्यपालक प्रशासन का अधीक्षण करे तथा यदि उसमें कोई त्रुटि हो तो उसकी ओर जिला पंचायत का ध्यान आकृष्ट करें। (क) ( 4 ) ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत या जिला पंचायत के कार्यों का पर्यवेक्षण व निरीक्षण तथा इस

निमित्त विवरण पत्र लेखे, प्रतिवेदन तथा लेखों की प्रतिलिपियां प्राप्त करना। (क) (5) किन्हीं ऐसे अन्य कर्तव्यों का सम्पादन जो इस अधिनियम अथवा इसके अधीन बनाये गये नियमों, विनियमों, उपविधियों अथवा तत्समय प्रचलित किसी अन्य विधि के अधीन उससे अपेक्षित हो अथवा इस अधिनियम के अनुरूप आवश्यक हो।

पंचायतीराज अधिनियम, 2016 की उपरोक्त धारा 109 का मुख्य उद्देश्य अध्यक्ष को जिला पंचायत में अभिरक्षक की भूमिका प्रदान करते हुए परिसम्पत्तियों के उपयोग में नियमों, विनियमों, उपविधियों अथवा तत्समय प्रचलित अन्य शासनादेशों के अक्षरसः अनुपालन के साथ-साथ एक पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाया जाना है जिससे जिला पंचायत की सार्वजनिक सम्पत्तियों का सदुपयोग लोकहितों को बढ़ावा देने हेतु किया जा सके एवं सामान्य जनमानस में त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था के प्रति विश्वास स्थापित हो सके।

प्रकरण में आयुक्त, कुमाऊं मण्डल की विस्तृत अन्तिम जांच आख्या दिनांक 18.10.2018 एवं पंचायतीराज अधिनियम, 2016 की धारा-109 के आलोक में यह कहा जा सकता है कि जिला पंचायत बागेश्वर के अन्तर्गत हुयी अनियमितताओं के सम्बन्ध में तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष / वर्तमान जिला पंचायत सदस्य श्री हरीश ऐठानी द्वारा अधिनियम की धारा-109 के अनुपालन के सम्बन्ध में अपने कर्तव्यों का सम्यक रूप से निर्वहन नहीं किया गया है।

9. आयुक्त, कुमांऊ मण्डल की अन्तिम जांच आख्या दिनांक 18.10.2018 उपलब्ध कराये गये साक्ष्यों, श्री हरीश ऐठानी तत्कालीन अध्यक्ष / वर्तमान सदस्य, जिला पंचायत बागेश्वर को निर्गत कारण बताओ नोटिस के सापेक्ष उपलब्ध कराये गये प्रत्युत्तर एवं उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 में उल्लिखित व्यवस्थाओं तथा स्वपठित नियमावलियों के विश्लेषण से इसका समाधान हो जाता है कि श्री हरीश ऐठानी द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में अपारदर्शी एवं वित्तीय नियमों के प्रतिकूल कार्य किया गया है।

10. प्रकरण में उपरोक्त प्रस्तर-7 में उल्लिखित न्याय विभाग के परामर्श के आधार पर सम्यक विचारोपरान्त प्रस्तर-8 एवं 9 में उल्लिखित तथ्यों के आलोक में तत्काल प्रभाव से उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 की धारा-138 (1) के प्राविधानों के अन्तर्गत श्री हरीश ऐठानी को सदस्य जिला पंचायत के पदीय दायित्वों से हटाया जाता है। श्री हरीश ऐठानी इस आदेश के निर्गत होने की तिथि से सदस्य, जिला पंचायत बागेश्वर के पद पर नहीं रहेंगे। उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 की धारा-138 की उपधारा (3) के संगत प्राविधानों के अन्तर्गत श्री हरीश ऐठानी, सदस्य, जिला पंचायत के पद से हटाये जाने की तारीख से 05 वर्ष तक पंचायत के सदस्य के रूप में चुने जाने या किसी पंचायत का क्रमशः सदस्य / प्रधान / उप प्रधान / प्रमुख / उप प्रमुख / अध्यक्ष / उपाध्यक्ष निर्वाचित होने के लिए भी अनहं होंगे। साथ ही प्रकरण में जिला पंचायत बागेश्वर के सम्बन्धित कार्मिकों पर नियमानुसार कार्यवाही पृथक से सम्पन्न की जायेगी।

श्री

 

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