वेद ऋचाओं का वाचन हुआ बंद, दो दिनों तक गुप्त मंत्रों से होगी भगवान बदरी विशाल की अभिषेक पूजाएं
25 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
पंचपूजा के तीसरे दिन रविवार को बदरीनाथ धाम में खडग पुस्तक पूजन और वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया है। दो दिनों तक बदरीनाथ मंदिर में गुप्त मंत्रों से अभिषेक और महाभिषेक पूजाएं की जाएंगी। आज से मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा।
बीते 21 नवंबर से बदरीनाथ मंदिर में पंच पूजाएं शुरू हो गई थीं। पहले दिन गणेश मंदिर के कपाट बंद हुए। उसके बाद आदि केदारेश्वर मंदिर और आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे। रविवार सुबह बदरीनाथ भगवान की अभिषेक और महाभिषेक पूजाएं संपन्न की गईं। इसके बाद नित्य पूजाएं हुईं। अपराह्न बाद खडग पुस्तक का पूजन और वेद ऋचाओं का वाचन शीतकाल के लिए बंद कर दिया गया। बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की बीकेटीसी की ओर से तैयारियां चल रही हैं।
सोमवार से बदरीनाथ मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़ ने बताया कि पंच पूजा के चौथे दिन सोमवार को माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर में स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। 25 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। खडग पुस्तक पूजन के मौके पर रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, प्रभारी धर्माधिकारी स्वयंबर सेमवाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, अमित बंदोलिया, बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, विकास सनवाल आदि मौजूद रहे।

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