राजाजी के राजा को हिमाचल भाया, डेढ़ साल पहले चीला रेंज से गया था….नहीं हुई घर वापसी
बाघ किस तरफ से गया है, उसके ट्रैक के बारे में पुष्ट तौर पर पता नहीं है। लेकिन, एक अनुमान है कि वह शिवालिक से होते हुए पहले हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब पहुंचा।
राजाजी नेशनल पार्क के एक बाघ को हिमाचल भा गया है। करीब डेढ़ साल पहले बाघ चीला रेंज से उत्तर प्रदेश से होते हुए हिमाचल प्रदेश पहुंचा था। राजाजी नेशनल पार्क में बाघों की संख्या 54 है। यहां पर बाघों की संख्या में इजाफा भी हुआ है। करीब डेढ़ साल पहले चीला रेंज से एक बाघ हिमाचल प्रदेश पहुंच गया।
वन विभाग के अनुसार, वह संभवत: उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश के शिवालिक रेंज से होते हुए गया है। राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक साकेत बडोला कहते हैं कि बाघ किस तरफ से गया है, उसके ट्रैक के बारे में पुष्ट तौर पर पता नहीं है। लेकिन, एक अनुमान है कि वह शिवालिक से होते हुए पहले हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब पहुंचा।
वहां पर उसे देखा गया था, फिर वह हरियाणा के कालेसर अभयारण्य पहुंचा था। वहां से फिर वह सिंबलवाड़ा राष्ट्रीय उद्यान पहुंचा। उद्यान में हिमाचल प्रदेश के वन विभाग की टीम उस पर नजर बनाए हुए है। बाघ वहीं पर काफी समय से है। इसी तरह सात हाथियों का एक झुंड भी हिमाचल प्रदेश में काफी समय से है।
हिमाचल के वनकर्मियों को मॉनिटरिंग की दी गई जानकारी
उत्तराखंड के वन विभाग ने हिमाचल प्रदेश के वनकर्मियों को बाघ की मॉनिटरिंग के बारे में जाकर ट्रेनिंग भी दी है। निदेशक बडोला कहते हैं कि हमारे राज्य में वनकर्मियों को बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने और मॉनिटरिंग करने के बारे में पता है।
हिमाचल प्रदेश के वनकर्मियों से भी पूरी जानकारी साझा की गई है। उन्हें कैमरा ट्रैप लगाने और उसके बेहतर उपयोग आदि के बारे में बताया गया है। बाघ को लेकर निश्चित अंतराल पर हिमाचल प्रदेश के वन विभाग से अपडेट लिया जाता है। जो भी जानकारी या सूचना होती है उसे साझा किया जाता है
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