*उत्तराखंड की धामी सरकार के यूसीसी बिल पर राष्ट्रपति ने लगाई मुहर, प्रदेश में अधिसूचना जारी*
*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सबसे बड़े फैसले पर राष्ट्रपति की मुहर*
*प्रधानमंत्री जी के सबका साथ सबका विश्वास के अनुरूप है यूसीसी: सीएम*
*6 फरवरी को विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हुआ था यूसीसी विधेयक*
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सबसे बड़े समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पर राष्ट्रपति की मुहर लग गई है। राष्ट्रपति भवन की तरफ से उसकी सूचना शासन को मिल गई है। राज्य सरकार द्वारा इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब नियमावली बनते ही उत्तराखंड यूसीसी कानून को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जायेगा। इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधेयक को मंजूरी देने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आभार जताया है। कहा कि जल्द राज्य में इस कानून को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।
राज्य विधानसभा में 6 फरवरी को देश का सबसे कड़ा यूसीसी कानून लाने के लिए विधयेक को मंजूरी दी गई थी। चूंकि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 44 के अधीन था, इसलिए इस विधेयक को कानून के रूप में लागू करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी थी। सरकार ने यह विधेयक राज्यपाल को भेजा और राज्यपाल ने संविधान के प्रावधानों के चलते राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजा। आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड सरकार के इस महत्वपूर्ण विधेयक को कानून के रूप में लागू करने पर अपनी मुहर लगा दी है। इसकी सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है। निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी। प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में यूसीसी कानून अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखण्ड के मूल स्वरुप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि जल्द कानून लागू करने के लिए नियामवली को मंजूरी देकर कानून को सख्ती से राज्य में लागू किया जाएगा।
*संकल्प से सिद्धि तक पहुंचा सरकार का निर्णय*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव के दौरान डेढ़ साल पहले जनता के सामने सरकार बनने पर राज्य में यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करने का संकल्प लिया था। सरकार बनी तो मुख्यमंत्री धामी ने सबसे पहली कैबिनेट में यूसीसी का प्रस्ताव लाया। इसके बाद कानून विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर यूसीसी पर लगातार बैठकें, जनता के सुझाव लेकर 6 फरवरी को विधानसभा में विधेयक पर चर्चा करने के बाद मंजूरी दी। विधानसभा की मंजूरी के बाद बिल राष्ट्रपति की अनुमति को भेजा गया। आज बिल पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी है। इससे राज्य सरकार ने फिर राज्य में संकल्प से सिद्धि तक का संदेश दे दिया है।
राज्यपाल ने यूसीसी विधेयक राष्ट्रपति को भेजा था। राजभवन ने इस पर विचार करने के बाद विधायी विभाग को भेजा था। विधायी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया है। चूंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेजा गया था।
उत्तराखंड विधानसभा से यूसीसी बिल पास होने के बाद इसे राजभवन भेजा गया था। इस पर राष्ट्रपति भवन को फैसला लेना था। अब राष्ट्रपति से मुहर लगने के बाद यूसीसी राज्य में कानून लागू हो जाएगा। आजादी के बाद देश का पहला समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पास हो गया था। विधानसभा सदन में विधेयक ध्वनिमत से पास हुआ था।
*हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।*
*निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी। प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में #UniformCivilCode अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।*
वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ तौर पर कहा कि *आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखण्ड के मूल स्वरुप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है।*
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