हर्षिल में बनी झील से पानी की निकासी का काम मैनुअल करने की तैयारी
पांच अगस्त का आई आपदा में तेलगाड से मलबा आने के कारण भागीरथी नदी में एक कृत्रिम झील बन गई है। यह झील चिंता का विषय बनी हुई है।
सिंचाई विभाग हर्षिल में बनी कृत्रिम झील से पानी की निकासी रास्ता बनाने का काम मैनुअल करने की तैयारी में है। सिंचाई विभाग के अधिकारी और श्रमिक आज हेलिकाप्टर के माध्यम से हर्षिल जाएंगे। अधिकारियों को वहीं पर कैंप करने का भी निर्देश दिया गया है। वहीं झील पर जल निकासी का कार्य करने के लिए यूजेवीएनएल की टीम भी हर्षिल पहुंच गई है।
पांच अगस्त का आई आपदा में तेलगाड से मलबा आने के कारण भागीरथी नदी में एक कृत्रिम झील बन गई है। यह झील चिंता का विषय बनी हुई है। पोकलेन के माध्यम से मलबा हटाकर झील की पानी की निकासी की योजना बनाई गई थी, इसके लिए अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया था। पर रास्ता खुलने और पोकलेन के पहुंचाने में कुछ समय लग सकता है, ऐसे में मलबा हटाकर जल निकासी के लिए मैनुअल काम करने का फैसला लिया गया है।
सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता संजय राज कहते हैं कि हेलिकाप्टर के माध्यम से 20 श्रमिक, एक एई, एक जेई को भेजा जाएगा। यह दल झील में मैनुअल काम और कुछ मुहाना साफ कर पानी की निकासी का रास्ता बनाने की संभावना को देखेगा। अगर यह संभावना मिलती है, तो काम शुरू किया जाएगा। अधिकारी वहीं पर कैंप करेंगे। अभी भी झील से पानी की निकासी हो रही है, ऐसे में चिंता की बात नहीं है।
झील का पानी सड़क पर बह रहा
जो कृत्रिम झील बनी है, उसका पानी गंगोत्री हाईवे पर करीब 500 मीटर में बह रहा है। झील का पानी कम होता र्है, तो आगे रास्ता भी साफ हो सकेगा। पानी के कारण मार्ग खराब हुआ है, उसको बनाने का भी काम करना होगा।

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