मणिपुर के जिरीबाम जिले में अशांति जारी रहने के मद्देनजर इसके बोरोबेकरा उपविभाग के अंदरूनी इलाकों में अतिरिक्त CRPF जवानों को तैनात किया गया है । 6 जून को 59 वर्षीय किसान सोइबाम सरतकुमार सिंह की हत्या के बाद इलाके में तनाव व्याप्त हो गया।हिंसा भड़कने के बाद कुकी और हमार समुदायों के लगभग 900 आदिवासियों ने दक्षिणी असम के कछार जिले के दो गांवों
– हाओकिपुंजी और हमारखावलीनिन – में अपने रिश्तेदारों और मित्रों के घरों में शरण ली।मणिपुर में शांति बनाए रखने के लिए जिरीबाम जिले के बोरोबेक्रा के उप-संभाग के आंतरिक इलाकों में अतिरिक्त केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल- सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है। जिले में 6 मई की शाम से शुरू हुई हिंसा में बोरोबेक्रा उप-संभाग बुरी तरह प्रभावित हुआ था। जिरीबाम के जिला प्रशासन ने आज राहत शिविरों में रह रहे शरणार्थियों को रसोई गैस सिलेंडर और अन्य आवश्यक सामान वितरित किए। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ग्रामीणों को निरंतर स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं। शिक्षा विभाग ने जिला मुख्यालयों के शिविरों में आश्रय लेने वाले बच्चों के लिए कक्षा एक से आठवीं तक की कक्षाएं भी शुरू की हैं।
वहीं इंफाल जिरीबाम रोड – राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर आज से भारी ट्रक और एलपीजी बुलेट टैंक की आवाजाही शुरू हो गई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले की सुरक्षा में इन टैंकों सहित लगभग 110 ट्रक आज शाम राजधानी इंफाल पहुंचे। रिपोर्ट के अनुसार, CRPF की 10 अतिरिक्त कंपनियां मणिपुर भेजी गईं हैं, जो किसी बड़े एक्शन का संकेत देती हैं।
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