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Big breaking :-पुलिस स्मृति दिवस, सीएम धामी ने पुलिसकर्मियों को दिया बड़ा तोहफा, कर डाली ये 4 घोषणाएं

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*पुलिस स्मृति दिवस*

*पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर  मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस जवानों को दी श्रद्धांजलि। इस अवसर पर  मुख्यमंत्री जी ने की उत्तराखण्ड पुलिस बल के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं।*

*पुलिस कार्मिकों के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु आगामी वर्ष में रू0 100 करोड़ दिया जायेगा।*

*उत्तराखण्ड पुलिस विभाग में कार्यरत कार्मिकों के पौष्टिक आहार भत्ते में रू0 100/- की वृद्धि की जाएगी।*

*उत्तराखण्ड पुलिस विभाग में कार्यरत निरीक्षक से सहायक उप निरीक्षक पदधारकों के वर्दी भत्ते की वर्तमान दर में रू0 3,500/- की वृद्धि की जाएगी।*

*9,000 फिट से अधिक ऊँचाई पर तैनात पुलिस कर्मियों/एस0डी0आर0एफ0 कर्मियों को प्रदान की जा रही उच्च तुंगता भत्ते की वर्तमान दर में रू0 200/- प्रतिदिन के स्थान पर रू0 300/- प्रतिदिन किया जाएगा।*

 

 

आज दिनांक 21 अक्टूबर, 2024 को *पुलिस शहीद स्मृति दिवस* के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून स्थित शहीद स्मारक स्थल पर *श्रृद्धांजलि कार्यक्रम* का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में *श्री पुष्कर सिंह धामी, माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड, माननीय पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र- श्री भगत सिंह कोश्यारी, माननीय पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, माननीय कैबिनेट मंत्रीगण- श्री धन सिंह रावत, श्री गणेश जोशी, माननीय विधायकगण- श्री विनोद चमोली, श्री मुन्ना सिंह चौहान, श्रीमती सविता कपूर,* जिला पंचायत अध्यक्ष- श्रीमती मधु चौहान, मुख्य सचिव- श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद वर्धन, सचिव गृह- श्री शैलेश बगोली, प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त, श्री विवेक शर्मा, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष एवं सदस्य गण, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक- श्री अनिल के0 रतूड़ी, इस अवसर पर श्री पी वी के प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक / निदेशक अभियोजन, श्री अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक / विशेष प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण, डॉ0 वी0 मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, सीबीसीआईडी, श्री ए पी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना एवं सुरक्षा, समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं गणमान्य महानुभाव भी उपस्थित रहे और शहीद हुए पुलिस कर्मियों को याद कर उन्हें भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की।

*माननीय मुख्यमंत्री जी का उद्धबोधन*
माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था एवं कानून-व्यवस्था बनाये रखने का उत्तरदायित्व राज्यों के पुलिस बल एवं अर्द्ध सैनिक बलों का है। विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में कुल 216 अर्द्ध सैनिक बलों एवं विभिन्न राज्यों के पुलिस कर्मी शहीद हुए, जिसमें उत्तराखण्ड पुलिस के 04 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना की गई है, जो हमारे पुलिस बल के अद्वितीय समर्पण और बलिदान का प्रतीक है। पिछले कुछ वर्षों में हमारी पुलिस ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है। आतंकवाद, देश के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सलवाद, प्राकृतिक आपदाओं, कानून व्यवस्थाओं से संबंधित जटिल परिस्थितियों में हमारी पुलिस ने अदम्य साहस और वरता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड भौगोलिक एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यन्त संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य में शांति और सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने में हमारे पुलिस की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। किसी भी राज्य की पुलिस व्यवस्था उस राज्य की सुरक्षा और समृद्धि का एक अभिन्न स्तम्भ है। राज्य पुलिस भी सेवा की भावना और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अनेकों चुनौतियों नशा, साइबर क्राईम, महिला अपराध, यातायात व्यवस्था, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन, काँवड यात्रा प्रबंधन का सामना करती है।

माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा कि *2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस के अन्तर्गत एक त्रिस्तरीय एण्टी नारकोटिक फोर्स का गठन किया गया है।* इस वर्ष 1100 से ज्यादा नशे के सौदागरों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए लगभग 23 करोड़ रूपये के नारकोटिक पदार्थ भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध एक बड़ा खतरा बन चुका है। हमारी पुलिस को इस दिशा में भी सजग रहना होगा और तकनीकि रूप से और अधिक दक्ष होना पड़ेगा। *राज्य में महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के प्रत्येक थाने पर “महिला हैल्प डेस्क” के अन्तर्गत ‘क्यूआरटी’ का गठन किया गया है। बच्चों एवं महिलाओं के प्रति हुए अपराधों में 95 प्रतिशत से अधिक मामलों का अनावरण कर 50 प्रतिशत से अधिक अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है।* जिसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस बधाई की पात्र है।

माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुलिस कर्मियों के आवासीय स्तर को सुधारने के लिए 150 करोड़ से अधिक की लागत से 380 आवासों का निर्माण किया जा चुका है। *वित्तीय वर्ष 2023-24 में 42 करोड़ की लागत से 05 पुलिस थानों 02 पुलिस चौकियों, 02 फायर स्टेशनों और तीन पुलिस लाईनों के प्रशासनिक भवनों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।* पुलिस के रिस्पॉस टाइम को बेहतर करने के लिए 1105 पुलिस वाहनों की खरीद के लिए मंजूरी दी गई है। पुलिस सैलरी पैकेज के अन्तर्गत पुलिस कार्मिकों के लिए 75 लाख से 1 करोड़ तक का दुर्घटना बीमा कराया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत 15 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि दिवंगत पुलिस कार्मिकों के परिजनों को प्रदान की जा चुकी है। आपदा एवं राहत के क्षेत्र में सरकार द्वारा *एस0डी0आर0एफ0 की एक कम्पनी स्वीकृत करते हुए 162 पदों का सृजन किया गया। 06 थानों व 21 पुलिस चौकियों के क्रियान्वयन हेतु 327 पद स्वीकृत किये गये, पी0पी0एस0 के ढांचे में 11 नये पदों का सृजन किया गया।*उप निरीक्षक स्तर के 222 पदों पर भर्ती निकाली गयी है तथा 2000 सिपाहियों की भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है। राज्य में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए उत्तराखण्ड खेल नीति के अन्तर्गत कुशल खिलाड़ी कोटे में भी पुलिस विभाग में भर्तियां की जायेंगी।*

*पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड का उद्धबोधन*
श्री अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने कहा कि 21 अक्टूबर का दिन राज्य पुलिस बलों, केंद्रीय सशस्त्र बलों एवं सभी केंद्रीय पुलिस संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इसी दिन भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 16 हजार फीट ऊँचे बर्फीले एवं दुर्गम क्षेत्र हॉटस्प्रिंग में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) की एक गश्ती टुकड़ी के 10 बहादुर जवानों ने SI करन सिंह के नेतृत्व में चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया और अत्यन्त बहादुरी से लड़ते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन्हीं की याद में प्रत्येक वर्ष पूरे देश में 21 अक्टूबर को “पुलिस स्मृति दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

आजादी के बाद से अब तक लगभग 35 हजार पुलिस कर्मियों द्वारा कर्तव्य के दौरान अपना बलिदान दिया गया।

*विगत एक वर्ष में भारत में राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों के कुल 216 कर्मियों* ने कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है, इनका विवरण इस प्रकार हैः-
1 आन्ध्र प्रदेश 2
2 अरुणांचल प्रदेश 2
3 असम 6
4 बिहार 15
5 छत्तीसगढ़ 11
6 झारखण्ड 4
7 कर्नाटक 5
8 केरल 1
9 मध्य प्रदेश 23
10 महाराष्ट्र 3
11 मणिपुर 6
12 मेघालय 1
13 नागालैण्ड 2
15 पंजाब 2
16 राजस्थान 20
17 तमिलनाडू 5
18 तेलंगाना 1
19 त्रिपुरा 3
20 उत्तर प्रदेश 2
21 उत्तराखण्ड़ 4
22 पश्चिम बंगाल 9
23 अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह 1
24 दिल्ली 5
25 जम्मू एवं कश्मीर 7
26 बी0एस0एफ0 19
27 सी0आई0एस0एफ0 6
28 सी0आर0पी0एफ0 23
29 आई0टी0बी0पी0 6
30 एस0एस0बी0 2
31 एफ0एस0, सी0डी0 एवं एच0जी0 2
32 आर0पी0एफ0 14
*कुल 216*

इस अवधि में *उत्तराखण्ड पुलिस के जिन 04* अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है, उनका विवरण निम्नवत् है-
*1- अपर उप निरीक्षक ना0पु0 कान्ता थापा, जनपद उत्तरकाशी*
*2- मुख्य आरक्षी 29 ना0पु0 गणेश कुमार, जनपद उत्तरकाशी*
*3- आरक्षी 106 स0पु0 गणेश कुमार, जनपद ऊधमसिंहनगर*
*4- आरक्षी 10 स0पु0 गोविन्द सिंह भण्डारी, जनपद ऊधमसिंहनगर*
देश भर की पुलिस के सभी शहीद पुलिस जनों को कोटि-कोटि नमन्।

पुलिस एक वर्दीधारी संगठन है, जिसे अनुशासन में रहना होता है। हम पुलिस कर्मियों को जनहित में जोखिम उठाना पडता है और कर्तव्य की बेला पर कभी-कभी अपनी जान की आहूति भी देनी पडती है। पुलिस का कार्य पूरे वर्ष 24×7 का होता है तथा पुलिस थाना कभी बन्द नहीं होता प्रतिदिन नये किस्म के अपराध/शान्ति व्यवस्था, आपदा एवं आन्तरिक सुरक्षा की जटिलताएं पुलिस के लिए अधिक चुनौती पेश कर रहे हैं।

पुलिस की इन्ही जोखिमपूर्ण कार्य-परिस्थितियों के दृष्टिगत माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों एवं उनके परिवारों के हितार्थ समय-समय पर कई कल्याणकारी योजनाएं स्वीकृत की गयी हैं। *पुलिस कार्मिकों की आवासीय व्यवस्था को बेहतर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा अवमुक्त धनराशि से 380 आवासीय भवनों के निर्माण कराया जा रहा है।* कार्मिकों की कार्यकुशलता बढ़ाये जाने के लिए अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु सरकार द्वारा अवमुक्त धनराशि से पुलिस थाने, पुलिस चौकी, फायर स्टेशन एवं पुलिस लाइन्स के प्रशानिक भवनों आदि का निर्माण कराया जा रहा है। जवानों के आवागमन को सुविधाजनक बनाये जाने हेतु *राज्य गठन के बाद पहली बार 1105 वाहनों* का नियतन निर्धारित करते हुए *29 करोड़ रूपये से 223 वाहन क्रय किये गये तथा 25 करोड़ रूपये से 127 वाहनों के क्रय* की प्रक्रिया प्रचलित है।

पुलिस विभाग के कर्मचारियों के सम्मान, कार्य-कुशलता तथा दक्षता को बनाये रखने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा पदोन्नति की समस्या पर विशेष ध्यान दिया गया और विभिन्न श्रेणी के *197 पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों ने पदोन्नति* पायी है तथा विभिन्न श्रेणी के *524 पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया प्रचलित है।*

पुलिस विभाग में कल्याणकारी योजनाओं के अन्तर्गत पुलिस कार्मिकों के मेधावी बच्चों को प्रोत्साहित किये जाने के लिए छात्रवृत्ति की योजना चलायी जा रही है, जिसमें *इस वर्ष 377 पुलिस कर्मियों के मेधावी बच्चों को 28 लाख रूपये की छात्रवृत्ति* स्वीकृत की गयी।

मृतक पुलिस कार्मिकों के परिवार के *38 सदस्यों को इस वर्ष मृतक आश्रित के अन्तर्गत सेवायोजन* प्रदान किया जा चुका है तथा *55 मृतक पुलिस कर्मियों के आश्रितों को पुलिस शहीद कोष से 1-1 लाख रूपये की आर्थिक सहायता* स्वीकृत की गयी है। *पुलिस सैलरी पैकेज के तहत अब तक 15.80 करोड़ रूपये* की धनराशि मृतक कार्मिकों के परिवारजन को अनुग्रह राशि के रूप में प्रदान की जा चुकी है।

इन योजनाओं से उत्तराखण्ड पुलिस कर्मी एवं उनके पारिवारिक-जन लाभान्वित होते रहते हैं, जिसके लिए हम आपको धन्यवाद् ज्ञापित करते हैं।

मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा इस वर्ष पंजीकृत अभियोगों के *83 प्रतिशत मामलों का सफल अनावरण कर 61 प्रतिशत अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी एवं 60 प्रतिशत चोरी व लूटी गयी सम्पत्ति को बरामद किया गया।* विशेष अभियान के तहत *210 फरार कुख्यात अपराधियों सहित 72 ईनामी व 1085 वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी* की गयी। संगठित एवं गम्भीर अपराधों में लिप्त *266 अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट एवं 845 अपराधियों के विरूद्ध गुण्डा एक्ट* की कार्यवाही की गयी। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा अपनी जान की परवाह किये बगैर हत्या एवं डकैती जैसे अपराधों में संलिप्त *02 अभियुक्तों को पुलिस मुठभेड़* में मार गिराया गया। वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा महिला एवं बच्चों से सम्बन्धित विभिन्न माध्यमों से प्राप्त 73,500 शिकायतों का निस्तारण किया गया। *ऑपरेशन स्माईल अभियान के तहत 1370 बच्चों/गुमशुदाओं को ट्रैस किया गया तथा ऑपरेशन मुक्ति अभियान के तहत भिक्षावृत्ति में लिप्त 892 बच्चों को मुक्त कराकर 378 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराया गया।* आपके *’ड्रग्स फ्री देवभूमि’* मिशन के तहत हमने नशे के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए 1102 अपराधियों से लगभग *23 करोड़ रूपये के मादक पदार्थों एवं 4000 अभियुक्तों से लगभग 5 करोड़ रूपये की अवैध शराब बरामद की गयी।*

इस वर्ष *कॉवड़ मेले में 4 करोड़* से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा तथा वर्तमान तक *चारधाम यात्रा में लगभग 40 लाख* श्रद्धालुओं द्वारा हमारे प्रदेश में आगमन किया गया। इन सभी यात्राओं को सकुशल सम्पन्न कराते हुए श्रद्धालुओं को अपने गन्तव्य के लिए रवाना करने में हमारे जवानों ने बहुत ही मेहनत एवं लगन से कार्य किया। इसके साथ ही माननीय राष्ट्रपति जी, माननीय उपराष्ट्रपति जी, एवं माननीय प्रधानमंत्री जी, सहित विभिन्न सुरक्षा श्रेणी से आच्छादित *2644 महानुभावों के उत्तराखण्ड भ्रमण कार्यक्रमों* को सम्पन्न कराया गया। देहरादून में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन-23 के सफलतापूर्वक आयोजन एवं राज्य में आयोजित लगभग *5000 से भी अधिक जूलूस/धरना प्रदर्शन/रैलियों* के शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराये जाने में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभायी गयी।

माननीय मुख्यमंत्री जी आप स्वयं एक सैनिक के सुपुत्र हैं तथा आप एक जवान की पीड़ा और उनकी working conditions को अच्छी तरह समझते हैं। आप पुलिस कर्मियों की समस्या के प्रति गंभीर एवं संवेदनशील हैं। आपका रुख पुलिस कर्मियों के प्रति सकारात्मक है एवं आप सदैव उनके कल्याण के प्रति समर्पित रहते हैं । मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि आप आने वाले वर्षों में भी पुलिस कर्मियों के हित में नए-नए कदम उठाते रहेंगे।

मैं माननीय मुख्यमंत्री जी का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट करना चाहूँगा कि, यद्यपि पुलिस विभाग आपके नेतृत्व में लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है, तथापि पुलिस कर्मियों के कल्याणार्थ कतिपय योजनाएं स्वीकृत किये जाने की आवश्यकता है। मुझे विश्वास है कि आपके द्वारा इस ओर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।

मैं माननीय मुख्यमंत्री महोदय को एवं यहां उपस्थित सरकार के सभी माननीय मंत्रीगण एवं वरिष्ठ अधिकारियों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि आपके नेतृत्व में उत्तराखण्ड पुलिस का हर सदस्य सरकार के सकारात्मक रवैये को दृष्टिगत रखते हुए तथा अपने शहीद साथियों के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए पूरी लगन, सत्यनिष्ठा एवं जोश से अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा तथा कर्तव्यपालन की राह में आने वाली हर चुनौती का सामना करते हुए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

*स्मृति दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारजनों को शॉल प्रदान कर सम्मानित किया गया।*

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Author: Swati Panwar
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