पुलिस ने बनाया दूसरे फेज के रेस्क्यू का प्लान, आइजी एसडीआरएफ को खोज व बचाव अभियान की कमान
उत्तराखंड के धराली और हर्षिल में प्राकृतिक आपदा के बाद पुलिस विभाग राहत और बचाव कार्यों में जुटा है। एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी को खोज एवं बचाव अभियान का कमांडर बनाया गया है। डीजीपी दीपम सेठ ने राहत कार्यों की समीक्षा की और दूसरे चरण में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। लापता व्यक्तियों की खोज के लिए विशेष टीम तैनात है।
उत्तरकाशी के धराली व हर्षिल क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा में राहत एवं बचाव के दूसरे चरण में पुलिस विभाग की ओर से खोज एवं बचाव अभियान पर फोकस किया जाएगा।
शासन की ओर से एसडीआरएफ के आइजी अरुण मोहन जोशी को समग्र खोज एवं बचाव अभियान का इंसीडेंट कमांडर, जबकि अर्पण यदुवंशी कमांडेंट एसडीआरएफ को डिप्टी इंसीडेंट कमांडर नियुक्त किया गया है।
उच्च स्तरीय समीक्षा
रविवार को पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने पुलिस मुख्यालय, देहरादून में उत्तरकाशी के धराली एवं हर्षिल क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की प्रथम चरण की विस्तृत समीक्षा करते हुए आगामी कार्ययोजना पर उच्च स्तरीय समीक्षा की।
बैठक में उत्तरकाशी जनपद में राहत एवं बचाव कार्यों के संचालन के लिए भेजे गए पुलिस की विभिन्न शाखाओं एसडीआरएफ, फायर सर्विस, पीएसी, दूरसंचार आदि के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं टीम लीडर्स शामिल हुए।
बैठक के दौरान पुलिस महानिदेशक ने सभी अधिकारियों अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ, पुलिस महानिरीक्षक टेलीकाम, पुलिस महानिरीक्षक अग्निशमन, पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र से राहत एवं बचाव कार्यों की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों, मार्ग अवरोधों और मौसम की चुनौतियों के बावजूद पुलिस, एसडीआरएफ, फायर और अन्य एजेंसियों ने आपसी समन्वय से बड़ी संख्या में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला और आवश्यक राहत सामग्री समय पर पहुंचाई।
डीजीपी ने बैठक में दूसरे चरण की कार्ययोजना पर चर्चा की और निर्णय लिया गया कि राहत एवं बचाव के दूसरे चरण में सर्च एवं रेस्क्यू आपरेशन पर विशेष फोकस किया जाएगा। इस अभियान के लिए उत्तराखंड शासन की ओर से अरूण मोहन जोशी, पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ को धराली व हर्षिल में समग्र खोज एवं बचाव अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उन्होंने आइजी अरुण मोहन जोशी को जिलाधिकारी व एसपी उत्तरकाशी, सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, बीआरओ, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग व अन्य सभी एजेंसियों से समन्वय करते हुए घटनास्थल को अलग-अलग सेक्टर में बांटकर उनका दायित्व निर्धारित करते हुए ठोस रणनीति बनाकर खोज एवं बचाव की कार्रवाई के निर्देश दिए।
डीजीपी ने यह भी दिए दिशा-निर्देश
सर्च और रेस्क्यू अभियान में गति लाने के लिए एसडीआरएफ, फायर, पीएसी और पुलिस बल की पर्याप्त संख्या को धराली और हर्षिल घटनास्थल में रणनीतिक रूप से तुरंत तैनात किया जाए।
स्थानीय नागरिकों, ग्राम प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर लापता व्यक्तियों की सटीक सूची तैयार की जाए। इस सूची के आधार पर खोज अभियान की प्राथमिकता तय करते हुए और आवश्यक वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
घटनास्थल पर मौजूद गहरे, खतरनाक और सल्श क्षेत्रों को सुरक्षा की दृष्टि से तत्काल रेड फ्लैग कर लिया जाए, ताकि सर्च आपरेशन के दौरान विशेष उपकरणों का उपयोग कर खोजबीन की जा सके।
ड्रोन, थर्मल इमेजिंग कैमरे, विक्टिम लोकेटिंग कैमरे और डाग स्क्वाड जैसी तकनीकी एवं मानव संसाधन क्षमता का पूर्ण उपयोग कर सर्च अभियान तेज किया जाए।
पुलिस महानिदेशक ने सभी को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने और प्रत्येक गतिविधि की रीयल टाइम रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि किसी भी आवश्यकता या आपात स्थिति में त्वरित निर्णय लिया जा सके।

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