वरुणावत पर हलचल की निगरानी के लिए लगेगा स्थायी निगरानी यंत्र, कुटेटी देवी क्षेत्र में होगा स्थापित
वरुणावत पर्वत पर हलचल की निगरानी के लिए स्थायी निगरानी यंत्र लगेगा, जिसे कुटेटी देवी क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। वर्ष 2003 में भूस्खलन के बाद तीन साल में ही निगरानी यंत्र हटा लिया गया था।
वरुणावत पर्वत पर होने वाली हर हलचल की निगरानी के लिए स्थायी निगरानी यंत्र स्थापित किया जाएगा। जिला प्रशासन ने वरुणावत पर्वत पर 21 साल बाद दोबारा हुए भूस्खलन के बाद यहां स्थायी निगरानी यंत्र लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।
बीते 27 अगस्त को वरुणावत पर्वत पर हुए भूस्खलन के बाद अमर उजाला ने निगरानी यंत्र नहीं लगे होने की खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया था कि वर्ष 2003 में वरुणावत पर्वत पर भारी भूस्खलन होने के बाद देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान ने यहां मिशन मोड पर पर्वत के सामने स्थित कुटेटी देवी क्षेत्र में निगरानी यंत्र स्थापित किया था। उस यंत्र से करीब दो से तीन साल तक वरुणावत पर्वत की हर हलचल पर नजर रखी गई, लेकिन बाद में संस्थान ने इसे यह कहकर हटा लिया था कि सरकार चाहे तो इस पर अपने स्तर से कार्य कर सकती है। लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया
अब दोबारा भूस्खलन के बाद जिला प्रशासन यहां स्थायी निगरानी यंत्र स्थापित करने के प्रति गंभीर हुआ है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिह बिष्ट का कहना है कि दीर्घकालीन उपाय के तहत स्थायी निगरानी यंत्र लगाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इसके लिए कुछ वैज्ञानिकों से भी बात की गई है। कुटेटी देवी क्षेत्र में ही यह यंत्र स्थापित किया जाएगा, जिससे चौबीसों घंटे पर्वत की हर हलचल पर नजर रखी जा सकेगी।
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