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Big breaking :-इस वायरल ऑडियो से मचा घमासान…सुनकर लोग हो गए हैरान, जानिए क्या बोले पूर्व विधायक और प्राध्यापक

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इस वायरल ऑडियो से मचा घमासान…सुनकर लोग हो गए हैरान, जानिए क्या बोले पूर्व विधायक और प्राध्यापक

कपकोट के पूर्व विधायक और एक प्राध्यापक की बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है। ऑडियो मंगलवार रात से सोशल मीडिया पर तैर रहा है। इसमें कपकोट के पूर्व विधायक पंडित बीडी पांडेय परिसर में राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. विनय मिश्रा को धमकी दे रहे हैं।

हाल ही में सल्ट से भाजपा विधायक महेश जीना का समाजसेवी एवं देवसेना के प्रदेश संगठन मंत्री शंभू लखेड़ा को कथित तौर पर धमकी देने वाला ऑडियो वायरल होने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब कपकोट के पूर्व विधायक और एक प्राध्यापक की बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है। ऑडियो मंगलवार रात से सोशल मीडिया पर तैर रहा है। इसमें कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण पंडित बीडी पांडेय परिसर में राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. विनय मिश्रा को धमकी दे रहे हैं। अमर उजाला इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। इस ऑडियो से छात्र संगठनों में घमासान शुरू हो गया है। अभाविप ने पूर्व एमएलए तो एनएसयूआई ने प्राध्यापक का पुतला दहन कर रोष जताया है।

ऑडियो सामने आने के बाद बुधवार को परिसर में हालात बदले दिखे। अभाविप प्राध्यापक के समर्थन में तो एनएसयूआई विरोध में खड़ा हो गई। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक ने विद्यार्थियों के असाइनमेंट फाड़े और उनका उत्पीड़न किया। वह एक छात्र की डिग्री को फर्जी बताते हुए उसे पढ़ाने से मना कर रहे हैं। कहा कि असाइनमेंट जमा करने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर है लेकिन प्राध्यापक की ओर से एनएसयूआई से जुड़े विद्यार्थियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इस मौके पर पंकज कुमार, प्रेम दानू, ललित कुमार, सागर जोशी, अजय कुमार, हरीश जोशी, राहुल बाराकोटी, पंकज पपोला, लक्ष्य मेहता, मोहित कोरंगा, राजदीप दानू आदि मौजूद रहे।

वहीं, अभाविप का कहना है कि पूर्व विधायक ने प्राध्यापक के साथ अमर्यादित तरीके से बात की है। ऑडियो में वह प्राध्यापक को धमकी दे रहे हैं। प्राध्यापक के साथ इस तरह का व्यवहार निंदनीय है। अभाविप इसका पुरजोर विरोध करती है। इस मौके पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सौरभ जोशी, हरेंद्र दानू, विक्रम दानू, पंकज कुमार, मुन्ना बिष्ट, गौरव मेहता, कमल, उमेश मेहता, भावना आदि थे।

कथित तौर पर कपकोट के पूर्व विधायक और प्राध्यापक का बताया जा रहा ऑडियो तीन मिनट दो सेकंड का है। ऑडियो में हुई बातचीत के अंश इस प्रकार हैं:

प्राध्यापक : अरे नहीं… जो आरोप आप हमारे ऊपर लगा रहे हो वे उन्होंने किया है मेरे साथ।

पूर्व विधायक : जो प्रोटोकॉल है, जो शिष्टाचार है, जो संस्कार हैं उस संस्कार में बात करा करो।

प्राध्यापक : सर… मैं बात कर रहा हूं.. आप दबाव डाल रहे हैं, वह भी मैं एक्सेप्ट कर रहा हूं।

पूर्व विधायक : आप तो ऐसे बात कर रहे हैं जैसे मैं इस यूनिवर्सिटी का चपरासी हूं। मैं आऊं अभी..

प्राध्यापक : नहीं विधायक जी… आप ऐसे दबाव डाल रहे हैं.. जैसे हम गलत कार्य करने के लिए बैठे हैं।

पूर्व विधायक : मैं पक्का कॉलेज में पहुंचूंगा… दो-तीन बजे तक। पूरे प्रशासन को बुलवा लीजिएगा अपना।

प्राध्यापक : आइये आपका स्वागत है। आप हमको पिटवाना चाहते हैं।

पूर्व विधायक : तेरी गुलामी करें।

प्राध्यापक : नहीं भाई.. हम तो स्टूडेंट की सहायता करेंगे, हम क्यों गुलामी किसी से कहेंगे भाई। आप तो गजब बोल रहे हैं।

पूर्व विधायक : बात कर रहा ऐसे जैसे पहाड़ में आके पहाड़ियों को खरीद लिया होगा तूने यहां बैठ के।

प्राध्यापक : अरे नहीं… पहाड़ में मेरी आत्मा बसती है सर।

पूर्व विधायक : आत्मा बसती है पहाड़ में आके, ऐसे बात करता है कोई विधायक से।

प्राध्यापक : नहीं तो… विधायक जी भी ऐसे बोलते हैं किसी शिक्षक से… ऐसे बात करते हैं क्या।

पूर्व विधायक : अरे तो आप पूछिए ना अल्मोड़ा कैंपस में, कितनी इज्जत से हम लोग अपने गुरु जी लोगों से बात करते हैं।

प्राध्यापक : नहीं तो… विधायक जी भी ऐसे बोलते हैं किसी शिक्षक से… ऐसे बात करते हैं क्या।

पूर्व विधायक : अरे तो आप पूछिए ना अल्मोड़ा कैंपस में, कितनी इज्जत से हम लोग अपने गुरु जी लोगों से बात करते हैं।

प्राध्यापक : मैं जानता हूं व्यक्तिगत रूप से आपको।

पूर्व विधायक : ऐसी बात मत करो, भारतीय जनता पार्टी का चोला पकड़कर, आरएसएस का कच्छा पहनकर जो है इस टाइप की बातें मत करो। हमें मत सिखाओ इस तरह की एबीसीडी।

प्राध्यापक : ये गलत आरोप है आपका।

पूर्व विधायक : व्यक्तिगत आरोप लगा रहा हूं।

प्राध्यापक : आप व्यक्तिगत रूप से कोई प्रमाणित नहीं कर पाएंगे। गलत कर रहे हो आप।

पूर्व विधायक : आप एक बच्चे को बार-बार कहते हैं कि फर्जी है।

प्राध्यापक : अरे बच्चे का कोई काम ही नहीं था भाई। अरे आप तो गलत मुद्दा बता रहे हो विधायक जी

पूर्व विधायक : डायरेक्टर से कराओ न जांच, डायरेक्टर तो इसी कैंपस में बैठता है। डीएसडब्ल्यू यहीं बैठता होगा। डीन और फैकल्टी यहीं बैठते होंगे… ये सब कोई बाहर के थोड़े होंगे।

प्राध्यापक : मैंने उनको अवगत कराया है।

पूर्व विधायक…आपको लगता है कि सब आपके साथ बायस्ड होकर कार्य कर रहे हैं तो आप दूसरे ऑटोनोमस सेशन से जांच करवा सकते हैं। आपके यहां भी जांच करवाने वाली एजेंसियां हैं।

प्राध्यापक : आप मेरी बात सुन लेंगे विधायक जी। अरे मेरी सुन लेंगे।

पूर्व विधायक : आप तो ऐसे बात कर रहे हैं। मैं भी लॉ ग्रेज्युएट हूं। एलएलएम कर रखी है। बार का उपाध्यक्ष रहा हूं।

प्राध्यापक: मैं जानता हूं आपको, वह आपकी बातों से स्पष्ट है।

पूर्व विधायक : आपको लग रहा है यह फर्जी लड़का है तो इसकी जांच करवा लो न।

प्राध्यापक : मेरी बात तो सुनिए। जो मुद्दा था आपने वो मुद्दा बदल दिया।

पूर्व विधायक : अब क्या बात सुनें आपकी… ऐसे बात कर रहे हो। अरे आओ बैठो, नमस्कार करते… बैठते। पहला परिचय है।

प्राध्यापक हंसते हुए… अरे विधायक जी, गजब आदमी हो, ऐसी बात होती तब ना, बच्चा असाइनमेंट नहीं बनाया था। वह जबरदस्ती आया और कह रहा था इसे तुमको जमा करना होगा। नहीं तो मैं तुम्हें मार के यहां से भगा दूंगा। मैंने कहा कि मुझे क्यों भगा दोगे।

पूर्व विधायक का पक्ष
प्राध्यापक एक छात्र को लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। छात्र की डिग्री को फर्जी बताकर उसके असाइनमेंट फाड़े जा रहे थे। मानसिक रूप से परेशान छात्र की परेशानी बताने के लिए फोन किया तो वह अमर्यादित भाषा में बात करने लगे। मैंने कोई गलत बात नहीं की। उन्हें शिष्टाचार से बात करने को कहा। उसने ऑडियो का छोटा सा हिस्सा भाजपा नेता के माध्यम से वायरल कराया है। पूरे ऑडियो की जांच होनी चाहिए और प्राध्यापक के खिलाफ कर्मचारी नियमावली के तहत भी कार्रवाई की जानी चाहिए। मैं अपने अधिवक्ताओं से चर्चा कर प्राध्यापक के खिलाफ निजता हनन और मानहानि के मामले में अदालत जाऊंगा। विधानसभा में भी इस मामले को उठवाया जाएगा।
-ललित फर्स्वाण, पूर्व विधायक, कांग्रेस कपकोट

प्राध्यापक का पक्ष
छात्र के असाइनमेंट फाड़ने का कोई मामला नहीं है। एक बच्चा आया था। हमें मारने-पीटने, भगाने की धमकी दी जा रही थी। ऐसा कई बार हो चुका है। हर डिपार्टमेंट इनसे परेशान है। मैंने इस बारे में डायरेक्टर को सूचित किया है। मेरे पास इसका वीडियो भी है। पूर्व विधायक के नाम से अनजान नंबर से फोन आया था। मुझे पता नहीं था कि यह अनजान नंबर पूर्व विधायक का है, उन्होंने बताया तो मैंने मान लिया। बाकी जो भी बात हुई वह पूरी ऑडियो में है। मैं उनसे सज्जनता से ही बात कर रहा था।
-डॉ. विनय मिश्रा, प्राध्यापक राजनीति विज्ञान, पंडित बीडी पांडेय परिसर बागेश्वर

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Author: Swati Panwar
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