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पाखरो रेंज घोटाला…CBI ने मांगी पूर्व डीएफओ किशनचंद और बृज बिहारी के खिलाफ अभियोजन की अनुमति

विजिलेंस ने पूर्व रेंजर बृज बिहारी शर्मा को गिरफ्तार भी किया था। लेकिन, पूर्व डीएफओ किशनचंद को कोर्ट से स्टे मिल गया था। हालांकि, विजिलेंस ने जब इसे चुनौती दी तो गिरफ्तारी के बिना ही चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति मिल गई।

कॉर्बेट नेशनल पार्क की पाखरो रेंज घोटाले के मामले में सीबीआई ने पूर्व डीएफओ किशन चंद और रेंजर बृह बिहारी शर्मा के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी है। दोनों के खिलाफ विजिलेंस भी चार्जशीट दाखिल कर अभियोजन की अनुमति मांग चुकी है। लेकिन, विजिलेंस को अनुमति नहीं दी गई थी। ऐसे में अब मामले की जांच सीबीआई कर रही है तो सीबीआई ने विजिलेंस के पत्र के आधार पर ही शासन को रिमांइडर भेजा है। अब इस अनुमति को सीबीआई को दिया जाना है।

विश्व प्रसिद्ध जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरों रेंज के 106 हेक्टेयर वन क्षेत्र में टाइगर सफारी बननी थी। वर्ष 2019 में इसका निर्माण कार्य बिना वित्तीय स्वीकृत्ति के शुरू कर दिया गया। पेड़ काटने व अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया था। जिसमें अनियमितताएं सामने आई। शिकायत हुई और विजिलेंस ने इसकी जांच शुरू की।

इसके बाद वर्ष 2022 में विजिलेंस ने पूर्व डीएफओ किशनचंद और रेंजर बृज बिहारी शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। आरोप था कि पार्क के कालागढ़ डिविजन की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर 215 करोड़ रुपये बर्बाद कर दिए गए। दूसरे मद का पैसा डीएफओ और रेंजर से सांठगांठ कर टाइगर सफारी के काम में खपा दिया। ठेकेदार से काम की एवज में बड़ी रकम ली गई थी।

विजिलेंस ने पूर्व रेंजर बृज बिहारी शर्मा को गिरफ्तार भी किया था। लेकिन, पूर्व डीएफओ किशनचंद को कोर्ट से स्टे मिल गया था। हालांकि, विजिलेंस ने जब इसे चुनौती दी तो गिरफ्तारी के बिना ही चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति मिल गई। ऐसे में विजिलेंस ने दोनों के खिलाफ वर्ष 2023 में चार्जशीट दाखिल कर दी और शासन से इनके खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी। लेकिन, विजिलेंस को यह अनुमति नहीं मिली।

इसी बीच हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई ने जांच शुरू की और विजिलेंस के तथ्यों के आधार पर ही इस चार्जशीट को सही माना। अब इन दोनों आरोपियों के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अनुमति की आवश्यकता थी तो सीबीआई ने विजिलेंस के पत्र को ही आधार मानते हुए शासन को रिमाइंडर भेजा है। जल्द ही किशनचंद और बृज बिहारी के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति सीबीआई को मिल सकती है।

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Author: Swati Panwar
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