*पी- वैल्यू एनालैटिक्स कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अपने समस्त डाटा के साथ उपस्थित हुए दून पुलिस के समक्ष*
*महिला सुरक्षा से सम्बन्धित रिपोर्ट को तैयार करने हेतु किये गये सर्वे से सम्बन्धित समस्त दस्तावेजो को किया प्रस्तुत*
*केवल एकेडमिक रिसर्च पाठ्यक्रम के लिये तैयार की गई थी सर्वे रिपोर्ट न कि सुरक्षा सम्बन्धित पॉलिसी एनालिसिस के लिए*
*महिला उत्पीडन के मामलों में देहरादून का औसत( 06%) है राष्ट्रीय औसत (07%) से कम*
*महिला उत्पीडन सम्बंधी शिकायतों में देहरादून पुलिस की कार्यवाही का औसत (41%) भी राष्ट्रीय औसत (11%) की तुलना में है लगभग 04 गुना अधिक*
*सर्वे कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर को दी गई स्पष्ट हिदायत, भविष्य में इस प्रकार के किसी भी सर्वे में सैम्पल साइज को बढाने के साथ-साथ सभी स्टेक होल्डर्स को सर्वे में शामिल करने के दिये निर्देश*
*भविष्य में किसी भी सर्वे को टेलिफोनिक वार्ता के आधार पर न करते हुए फेस टू फेस इन्ट्रव्यू करने के दिये सुझाव*
पी- वैल्यू एनालटिक्स कम्पनी द्वारा महिला सुरक्षा को लेकर कराये गये सर्वे की रिपोर्ट के संबंध में एसएसपी देहरादून द्वारा सम्पूर्ण रिपोर्ट का एनालिसिस कर सभी तथ्यों की विस्तृत जांच एसपी ऋषिकेश को सौंपी गई थी।
प्रकरण में एसपी ऋषिकेश द्वारा सर्वे से सम्बन्धित समस्त दस्तावेजो के साथ कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर को उपस्थित होने के निर्देश दिये गये थे, आज कम्पनी के मैनेजिंग पार्टनर महिम सिसोदिया सर्वे से सम्बन्धित समस्त दस्तावेजो के साथ पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के समक्ष उपस्थित हुए, इस दौरान उनके द्वारा सर्वे के डाटा कलेक्शन तथा उसके एनालिसिस से सम्बन्धित समस्त दस्तावेजो को प्रस्तुत करते हुए बताया कि उक्त सर्वे केवल एकडमिक रिसर्च के उदेदश्य से किया गया था, इसका महिला सुरक्षा से सम्बन्धित पॉलिसी एनालिसिस से कोई सम्बंध नही है। कम्पनी के मैनेजिंग पार्टनर द्वारा बताया गया कि सर्वे का उददेश्य किसी शहर को असुरक्षित घोषित करना नही था, इसका उददेश्य विभिन्न शहरों में रह रही महिलाओं के परसेपशन को जानकार एक एकेडमिक रिसर्च रिपोर्ट तैयार करना था, उनके द्वारा बताया गया कि देहरादून में महिला उत्पीडन सम्बंधी शिकायतों का औसत ( 06%) राष्ट्रीय औसत (07%) से कम है तथा महिला उत्पीडन सम्बंधी शिकायतों में देहरादून पुलिस की कार्यवाही का औसत (41%) भी राष्ट्रीय औसत (11%) की तुलना में लगभग 04 गुना अधिक है।
इस दौरान कम्पनी के मैनेजिंग पार्टनर को स्पष्ट हिदायत दी गई कि भविष्य में इस प्रकार के किसी भी सर्वे में सैम्पल साइज को बढाने के साथ-साथ सभी स्टेक होल्डर्स को सर्वे में शामिल किया जाये, साथ ही भविष्य में इस प्रकार के किसी भी सर्वे को टेलिफोनिक वार्ता के आधार पर न करते हुए फेस टू फेस इन्टरव्यू के माध्यम से किया जाये, जिससे लोगो को सही तथ्यों की जानकारी हो सकें।

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