डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर 2.27 करोड़ रुपये ठगने वाला दबोचा, साथियों की हो रही तलाश
निवासी एक पीड़ित ने शिकायत दर्ज की थी। बताया कि उनके मोबाइल पर मुंबई साइबर क्राइम पुलिस के नाम से एक फोन आया था। जिसके बाद उन्हें डिजिटल हाउस अरेस्ट कर ठगी की गई
डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर व्यक्ति से 2.27 करोड़ रुपये ठगने के आरोपी को साइबर पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से मोबाइल फोन व अन्य सामान बरामद हुआ है। साइबर ठग ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर व्यक्ति से ठगी की थी।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि निरंजनपुर के रहने वाले एक व्यक्ति ने पिछले साल सितंबर में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को शिकायत की थी। व्यक्ति को एक फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और उनके बैंक खातों को संदिग्ध गतिविधियों से जुड़ा होने का डर दिखाया। उन्हें 24 घंटे तक कथित रूप से डिजिटल अरेस्ट रखा गया।
यही नहीं उनके खातों की जांच की बात भी कही गई। इसके बाद उनसे बारी-बारी से ठग ने अपने खातों में 2.27 करोड़ रुपये जमा कराए। साथ ही उन्हें हर तीन घंटे में एसएमएस और अन्य माध्यमों से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को भी कहा। साइबर ठगों ने जब उनसे और रुपयों की मांग की तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ।
सीओ साइबर अंकुश मिश्रा की टीम ने बैंक खातों और मोबाइल नंबरों के आधार पर जांच शुरू की। कई बार संबंधित बैंकों, मोबाइल सर्विस प्रदाता कंपनियों और गूगल आदि से भी पत्राचार किया गया। इस बीच पता चला कि आरोपी राजस्थान में बैठकर इस तरह की ठगी को अंजाम दे रहा है।
साइबर थाना पुलिस ने राजस्थान के मानसरोवर के रहने वाले नीरज भट्ट नाम के साइबर ठग को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। इसका सिम एयू स्मॉल फाइनेंस के बैंक खाते से लिंक था। आरोपी के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में भी कई शिकायतें दर्ज हैं।
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