अब जान जोखिम में डालकर नहीं करना होगा सफर, उत्तराखंड सरकार ने लिया बड़ा फैसला; स्टूडेंट समेत कइयों को लाभ
मानसून सीजन में नदी, नालों के उफान पर होने की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली छात्र-छात्राओं को होती है। राज्य में कई स्थानों पर स्कूल ऐसी जगह पर हैं जहां बच्चों को ट्राली आदि से पहुंचना पड़ता है।
उत्तराखंड में नदी, गदेरों को पार करने के लिए लगाई गई ट्रॉलियों का संचालन बंद किया जाएगा। सरकार ने लोक निर्माण विभाग को इन स्थानों पर पुल बनाने के निर्देश दिए हैं। एक महीने के भीतर सभी स्थानों पर पुल के लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति देने को कहा गया है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में 37 स्थानों पर आज भी ट्रॉलियों का संचालन हो रहा है। सामान्य दिनों में नदी में पानी कम होने की वजह से ज्यादा दिक्कत नहीं होती है, लेकिन मानसून के समय लोगों को इन ट्रालियों पर जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है। इस परेशानी को देखते हुए अब सरकार ने सभी असुरक्षित ट्रॉलियों को हटाने के निर्देश दिए हैं।
अपर मुख्य सचिव की ओर से लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस संदर्भ में तत्काल कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। एक महीने के भीतर इन स्थानों पर पुल निर्माण के लिए स्वीकृति देने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार के इस फैसले से राज्य के दूर दराज क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बड़ा लाभ होगा और उन्हें ट्रॉली के स्थान पर पुल की सुविधा मिल जाएगी। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता डीके यादव ने कहा कि शासन के आदेशों के बाद इस संदर्भ में जल्द कार्रवाई शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी डिविजनों को इस संदर्भ में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
छात्र-छात्राओं को हो रही सबसे ज्यादा परेशानी
मानसून सीजन में नदी, नालों के उफान पर होने की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली छात्र-छात्राओं को होती है। राज्य में कई स्थानों पर स्कूल ऐसी जगह पर हैं जहां बच्चों को ट्राली आदि से पहुंचना पड़ता है। ऐसे में ट्राली के असुरक्षित होने से हादसे का खतरा बना रहता है। कई जगह ट्राली असुरक्षित होने की वजह से बच्चों का स्कूल पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। इस तरह की परेशानियों को देखते हुए अब सरकार ने नदी, नालों पर बनी असुरक्षित ट्रालियों को हटाने का निर्णय लिया है।
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