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Big breaking :-अब अपनी निजी जमीन पर बना सकते हैं हेलीपैड और हेलीपोर्ट, उत्तराखंड सरकार ने निकाली नई नीति; मांगे प्रस्ताव

अब अपनी निजी जमीन पर बना सकते हैं हेलीपैड और हेलीपोर्ट, उत्तराखंड सरकार ने निकाली नई नीति; मांगे प्रस्ताव
Uttarakhand उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों पर हेलीपैड बनाया जाएगा। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में हेलीपैड बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाने हैं। अब इसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं। ये हेलीपैड कहां बनने हैं इसके लिए जल्द ही यूकाडा निजी क्षेत्र से ईओआइ आमंत्रित करने जा रहा है। नई नीति के तहत आम जनता भी हेलीपैड बनवा सकती है।

 

 

उत्तराखंड में अब हवाई सेवाओं को बेहतर करने पर जोर दिया जा रहा है। अब उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों पर हेलीपैड बनाया जाएगा। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में हेलीपैड बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाने हैं। अब इसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

ये हेलीपैड कहां बनने हैं, इसके लिए जल्द ही उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) निजी क्षेत्र से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआइ) आमंत्रित करने जा रहा है। इसके तहत यूकाडा बताएगा कि किन क्षेत्रों में हेलीपैड बनाने की जरूरत है। इसके लिए इच्छुक व्यक्तियों स्वयं अथवा सरकार के सहयोग से हेलीपैड बनाने के आवेदन दे सकेंगे।प्रदेश सरकार लगातार हेली सेवाओं का विस्तार कर रही है। विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में हेली सेवा देना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।

 

 

 

इसके लिए तमाम प्रयास भी किए गए, लेकिन भूमि संबंधी दिक्कतों के चलते इसमें आशातीत सफलता नहीं मिल पाई है। कारण यह कि जहां भी हेलीपैड अथवा हेलीपोर्ट बनाने के लिए सरकारी भूमि देखी जा रही है, वहां वन क्षेत्र की समस्या सामने आ रही हैवन क्षेत्र पड़ने की समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने हाल ही में निजी क्षेत्र के जरिये हेलीपैड अथवा हेलीपोर्ट बनाने के लिए नई नीति बनाई है। इस नीति के अनुसार कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा किसी भूमि को लीज पर लेकर हेलीपोर्ट बना सकता है। इसके लिए सरकार की ओर से 50 प्रतिशत सब्सिडी दिए जाने का प्रविधान किया गया है।इसके साथ ही यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि कोई स्वयं हेलीपैड अथवा हेलीपोर्ट बनाने में सक्षम नहीं है तो वह सरकार को यह भूमि 15 वर्ष की लीज पर दे सकता है। इसके लिए उसे वार्षिक शुल्क के साथ ही इससे होने वाले लाभ का एक हिस्सा भी दिया जाएगा। 15 वर्ष बाद उसे वह भूमि व हेलीपोर्ट वापस मिल जाएगा। हेलीपैड कहां बनाए जाने हैं, इसके लिए यूकाडा जगह तय कर आवेदन आमंत्रित करेगा।

 

 

अब इस नीति को धरातल पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस कड़ी में प्रदेश सरकार जनवरी में उन स्थानों के लिए ईओआई जारी करने की तैयारी कर रही है जहां हेलीपैड बनाने की आवश्यकता अधिक महसूस की जा रही है। इससे इन स्थानों पर हेली सेवाओं का संचालन शुरू किया जा सकेगा।यूकाडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि निवेशक सम्मेलन में भी कुछ व्यक्तियों ने हेलीपोर्ट बनाने में रुचि दिखाई है। ऐसे में अगले माह स्थानों की सूची जारी कर ईओआई आमंत्रित किए जाएंगे।

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Author: Swati Panwar
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