खर्च में फिसड्डी 29 विभागों ने बजट तक नहीं किया जारी, पहली तिमाही में खर्च की बेहद सुस्त रफ्तार जून माह के पहले हफ्ते तक अधिकांश विभागों का पूंजीगत खर्च शून्य था। केंद्र सहायतित, बाह्य सहायतित, नाबार्ड योजनाओं के खर्च की प्रगति से ये तथ्य सामने आए हैं।वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले ही ताकीद कर दिए जाने के बावजूद अधिकांश विभाग पहली तिमाही में बजट खर्च के मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं।
इतना ही नहीं, 29 विभागों ने तो पूंजीगत मद में किए गए वित्तीय प्रावधान (24659.37 करोड़ रुपये) के सापेक्ष एक रुपया भी जारी नहीं किया।अपर मुख्य सचिव (वित्त) आनंद बर्द्धन ने इस पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। जून माह के पहले हफ्ते तक अधिकांश विभागों का पूंजीगत खर्च शून्य था। केंद्र सहायतित, बाह्य सहायतित, नाबार्ड योजनाओं के खर्च की प्रगति से ये तथ्य सामने आए हैं।
ज्यादातर विभागों के खराब प्रदर्शन से नाराज एसीएस ने सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों को पत्र जारी किया है। पत्र में उन्होंने चिंता जाहिर कर लिखा है यह स्थिति बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं है और वित्तीय अनुशासन की दृष्टि से उचित भी नहीं है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने स्तर पर बैठक कर तिमाही और वार्षिक आधार पर खर्च की रणनीति तैयार करें। उन्होंने आगाह किया कि वह जल्द ही विभागों की फिर से समीक्षा करेंगे। बता दें कि एसीएस ने 7, 8 और 9 जून को सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक की थी।
सितंबर तक 50 फीसदी का लक्ष्य
राज्य के विकास की रफ्तार को तेजी देने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने वित्तीय वर्ष के शुरू होने से पहले ही विभागों को समयबद्ध बजट खर्च के निर्देश दिए थे। वह हर महीने आय और व्यय की समीक्षा भी कर रहे हैं। सरकार ने सितंबर तक 50 प्रतिशत धनराशि खर्च का लक्ष्य बनाया है।ये विभाग फिसड्डी
रुपये जारी करने में फिसड्डी विभागों में आपदा प्रबंधन, ऊर्जा, तकनीकी शिक्षा, वन, अल्पसंख्यक कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, सूचना प्रौद्योगिकी, गन्ना एवं चीनी, श्रम एवं रोजगार, सैनिक कल्याण, राजस्व एवं सामान्य प्रशासन, उद्योग, प्राथमिक शिक्षा, आयुष, राज्य कर, अग्निशमन पुलिस, लोक सेवा आयोग, राज्य कोषागार, सूचना, पीआरडी, होमगार्ड, डेयरी, प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान, एनसीसी व मंत्रिपरिषद् आदि के नाम शामिल हैं।
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