कांग्रेस में एक तरफ बड़े नेताओं पर नकेल कसवाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने दिल्ली में जोर लगवा दिया है और अब माना जा रहा है कि पार्टी नेताओं की बयानबाजी पर रोक लगवाने के लिए पर्यवेक्षक को भी भेजने की तैयारी कर रही है माना जा रहा है पार्टी के वरिष्ठ नेता पी एल पुनिया को पर्यवेक्षक के रुप में देहरादून भेजा जाएगा बाकी पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश अध्यक्ष के बीच चल रही तनातनी को खत्म किया जा सके
साफ है इससे पार्टी का माहौल तो खराब हो ही रहा है प्रदेश में पार्टी की स्थिति भी खराब हो रही है वही एक तरफ पर्यावेक्षक आने की तैयारी कर रहें होंगे वही पार्टी के विधायक ने कांग्रेस संगठन पर बड़े सवाल खडे कर दिए है द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मजारे हटाने के फैसले को सही करार दिया है उनके अनुसार बिल्कुल हटाया जाना चाहिए इससे इस सड़क की भी सुरक्षा होती है और लोगों की भी सुरक्षा होती है कई जगहों में भी हम देखते है कि ये सुरक्षित नहीं होते
वही मदन बिष्ट ने 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर भी बड़ा बयान देते हुए कहा कि हमें उम्मीद थी कि कांग्रेस जीतेगी और यही आम जनता में भी दिखाई दे रहा था लेकिन हमारे नेताओं ने ऐसी बंदरबांट कर ली ऐसी सब कुछ कर लिया जिससे हम चुनाव हार गए मैं साफ बात करता हूँ
मदन बिष्ट ने कांग्रेस के संगठन को बहुत कमजोर करार दिया उनके अनुसार लोग कांग्रेस के संगठन से क्यों नहीं जुड़ना चाहते यह मुझे भी समझ में नहीं आता उनके अनुसार लोग कहते हैं कि मदन बिष्ट की बात करो कांग्रेस के संगठन की बात नहीं
वही मदन बिष्ट ने प्रदेश प्रभारी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव हारने के बाद प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को तो हटाया गया लेकिन प्रदेश प्रभारी को क्यों नहीं हटाया गया उनके अनुसार चुनाव में हार की जिम्मेदारी प्रदेश प्रभारी की भूतनी थी जितनी नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की थी
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