दस वर्षों में कभी इतना गर्म नहीं हुआ नवंबर; अगले छह दिन ऐसा रहेगा मौसम
भले रात के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज होने से ठंड का अहसास होने लगा है लेकिन दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की वजह से दिन नवंबर के नहीं लग रहे हैं।
उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन और मौसम के बदले पैटर्न का सीधा असर तापमान में देखने को मिल रहा है। बरसात के दिनों में सामान्य से अधिक बादल बरसे तो आपदा ने खूब तबाही मचाई। ऐसे में अब सर्दियों से पहले तापमान भी अपने तेवर दिखा रहा है।
भले रात के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज होने से ठंड का अहसास होने लगा है लेकिन दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की वजह से दिन नवंबर के नहीं लग रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो नवंबर का दूसरा सप्ताह बीते दस वर्षों में पहले कभी इतना गर्म नहीं हुआ। साल 2015 से 2024 तक इस महीने के शुरुआती दिनों में तापमान 30 के आसपास दर्ज किया गया था। जबकि दूसरे सप्ताह से तापमान में गिरावट देखने को मिली थी लेकिन 12 दिन गुजर जाने के बाद भी अभी नवंबर का तापमान 30 के आसपास ही रिकॉर्ड किया जा रहा है।
बुधवार को भी दून का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री इजाफे के साथ 28.4 डिग्री दर्ज किया गया। हालांकि रात का न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कमी के साथ 10 डिग्री रहा। आंकड़ों की अनुसार रात के न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पोस्ट मानसून की बारिश के बाद ही दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी।
छह दिन तक शुष्क रहेगा मौसम
प्रदेशभर में बृहस्पतिवार से अगले छह दिन तक मौसम शुष्क रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार 18 नवंबर तक प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहेगा। दिन भर धूप खिलने से जहां पहाड़ों में ठंड से राहत मिलेगी वहीं मैदानी इलाकों में ठंड का फिलहाल अहसास कम होगा। हालांकि सुबह-शाम मैदानी इलाकों में कोहरा छाने और पर्वतीय क्षेत्रों में शीतलहर चलने से ठंड परेशान करेगी।

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