आज * नीलेश आनन्द भरणें*, पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा एसटीएफ एवं समस्त जनपदों के वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक *उच्च स्तरीय अपराध एवं कानून व्यवस्था समीक्षा बैठक* आयोजित की गई।
*बैठक में नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन, साइबर अपराध सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों पर त्वरित नियंत्रण और आम जन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत चर्चा की गई, जिसमें एसटीएफ, समस्त जनपदों के पुलिस उपाधीक्षक ऑप्स, वाचक सहित सीसीटीएनएस में नियुक्त समस्त कार्मिक उपस्थित रहे।*

*समीक्षा बैठक के दौरान दिए गए प्रमुख निर्देशः-*
▪️ 07 वर्ष या उससे अधिक सजा वाले अपराधों में राज्य स्तरीय FSL टीम, जनपद स्तरीय फील्ड यूनिट तथा थाने के प्रशिक्षित कार्मिकों से तत्काल घटनास्थल निरीक्षण कराते हुये नियमानुसार साक्ष्य संकलन एवं वीडियो रिकॉर्डिंग आदि कार्यवाही समय पर पूर्ण की जाये।
▪️ अभियुक्तों द्वारा अवैध रूप से अर्जित सम्पत्ति चिन्हित कर विवेचना के दौरान ही सम्पत्ति अधिग्रहण तथा नियमानुसार पीड़ितों में वितरण आदि की कार्यवाही हेतु सक्षम न्यायालय को रिपोर्ट प्रेषित करते हुये तदानुसार अग्रेत्तर कार्यवाही की जाये।
▪️ वाहन चोरी, लूट, वाहन लूट आदि सम्पत्ति सम्बन्धी अपराधों में अनावरण एवं बरामदगी का प्रतिशत बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
▪️ एनडीपीएस एक्ट के अन्तर्गत व्यवसायिक मात्रा से सम्बन्धित अभियुक्तों के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट एवं पिट एनडीपीएस एक्ट के अन्तर्गत कार्यवाही बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
▪️ जनपद स्तर पर NCORD की बैठक नियमित रूप से आयोजित की जाये।
▪️ नये आपराधिक कानूनों के अन्तर्गत ई-एफआईआर, जीरो-एफआईआर आदि जन सुविधाओं का ध्यान रखते हुये इनमें नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
▪️ सोशल मीडिया पर सतत निगरानी रखते हुए भ्रामक सूचनाओं का खंडन एवं अराजक तत्वों पर विधिक कार्यवाही की जाय।
▪️ साईबर सम्बन्धी शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुये समय पर निस्तारण किया जाये तथा इसमें पीड़ित को धनराशि वापस दिलाये जाने हेतु हर सम्भव प्रयास किये जाये।
▪️ खोये अथवा चोरी हुये मोबाइल फोन की बरामदगी हेतु उसका पूर्ण विवरण तत्काल CEIR पोर्टल पर अपलोड किया जाये तथा अधिक से अधिक फोन ट्रेस/बरामद कराते हुये जन संवाद कार्यक्रम के दौरान पीड़ितों को सुपर्द किये जाये।
▪️ समस्त विवेचकों द्वारा ई-साक्ष्य मॉड्यूल का समुचित प्रयोग किया जाये। ई-समन में प्राप्त समन का डिजीटली त्वरित निस्तारण किया जाये।
▪️ उत्तराखण्ड पुलिस एप का सोशल मीडिया, यू-ट्यूब, पोस्टर, बैनर, जन संवाद तथा प्रदर्शनी के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कर आम जनता को जागरूक किया जाये, ताकि वे इस एप की सुविधा का लाभ अधिक से अधिक उठा सके।

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