उत्तरकाशी,
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने वरूणावत पर्वत से लगे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी के ऊपर पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन के विस्तृत सर्वेक्षण एवं उपचार के उपाय सुझाने हेतु टीएचडीसी को तुरंत विशेषज्ञों की टीम भेजने का आग्रह किया है। जिला प्रशासन के द्वारा भूस्खलन क्षेत्र की निरंतर निगरानी करने के साथ ही खतरे की आशंका वाले भवनों से लोगों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए जिलाधिकारी ने क्षेत्र के प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था करने हेतु दंडी आश्रम उत्तरकाशी और काली कमली धर्मशाला उत्तरकाशी के पांच-पांच कक्षों को अधिग्रहीत करने के आदेश जारी किए हैं।
जिलाधिकारी ने शासन के निर्देशों के क्रम में वरूणावत पर्वत से लगे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी के ऊपर पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन का विस्तृत भूवैज्ञानिक जांच कर उसके निदान हेतु सुझाव व उपाय प्रस्तुत किए जाने हेतु क्रम में टीएचडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंधन निदेशक को पत्र भेजते हुए विशेषज्ञों की टीम को शीघ्र जनपद में तैनात करते हुए अपेक्षित रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर आपदा सचिव उत्तराखंड शासन विनोद कुमार सुमन के द्वारा भी टीएचडीसी को इस संबंध में पत्र भेजा गया है।
प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में तात्कालिक कार्यों के लिए लोनिवि को निर्देश देने के साथ ही टीएचडीसी के सर्वेक्षण में सहयोग हेतु जिला टास्क फोर्स के भूवैज्ञानिक को भी निर्देशित किया है।
इस क्षेत्र के प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था करने हेतु दंडी आश्रम उत्तरकाशी और काली कमली धर्मशाला उत्तरकाशी को चिन्हित करते हुए जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत उक्त धर्मशालाओं के पांच-पांच कक्षों को अधिग्रहीत कर प्रशासन के नियंत्रण में लेने हेतु आदेश जारी करते हुए उपजिलाधिकारी भटवाड़ी को इस धर्मशालाओं में प्रभावित परिवारों को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं।
प्रशासन के द्वारा खतरे की जद में निवासरत 32 परिवारों व भवन स्वामियों को नोटिस जारी कर उक्त लोगों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर रहने की हिदायत दी गई है। इसके लिए प्रभावितों को नियमानुसार किराए का भुगतान भी किया जाएगा। क्षेत्र के 9 परिवारों ने प्रशासन को अवगत कराया है कि वह किराए का कमरा लेकर अन्यत्र रह रहे हैं।
वर्तमान में नगर में स्थिति सामान्य है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट द्वारा सभी अधिकारियों व विभागों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए है और वरुणावत की स्थिति पर निरंतर नजर रखने को कहा गया है। जिला मुख्यालय व आस-पास के क्षेत्रों में तेज बारिश होने के बाद अभी स्थिति सामान्य है।
अपर जिलाधिकारी द्वारा आपातकालीन परिचालन केंद्र में उपस्थित रहते हुए उपजिलाधिकारी भटवाड़ी, उपजिलाधकारी डूंडा के साथ लगातार उक्त घटनाक्रम की निगरानी की जा रही है। एसडीआरएफ, पुलिस द्वारा लगातार प्रभावित क्षेत्र पर नजर रख जरूरत पड़ने पर लोगों को सतर्क किया जा रहा है। एनडीआरएफ को भी अलर्ट पर रखा गया है।
गोफियारा के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र मे स्थिति सामान्य है और इस क्षेत्र में घर छोड़कर भागने जैसी कोई स्थिति नही देखी गई है। यहां निवासरत लोगो को पहले से सतर्क कर अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर रहने की हिदायत दी गई थी। प्रभावितों के लिए धर्मशालाओं में भी रहने की व्यवस्था की गई है। आज फिर प्रभावित क्षेत्र के लोगों से संपर्क साधा गया था, उनके द्वारा बताया गया कि हम लोग सुरक्षित स्थानो मे चले गए है। प्रभावित क्षेत्र के
32 परिवारों में से 10 परिवार बाहर चले गए हैं। बीएसएनएल कालोनी के तीन लोग भी काली कमली में निवास करने के लिए चले गए हैं अन्य परिवारों के द्वारा रात्रि निवास के लिए अपने रिश्तेदारों के यहां जाने की सूचना दी गई है।
जिला प्रशासन के द्वारा आगाह किया गया है कि कोई भी व्यक्ति कृपया सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से भ्रामक और जन जीवन व लोक शांति पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली सूचनाएं प्रसारित न करें। किसी भी घटना की पुष्टि नियंत्रण कक्ष से की जा सकती है।
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