क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ उत्तराखंड में अनुशासन की नई पहल: CAU ने खिलाड़ियों के लिए सख्त कोड ऑफ कंडक्ट लागू किया
देहरादून, 15 दिसंबर 2025: क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (CAU) ने राज्य के क्रिकेट खिलाड़ियों और टीम अधिकारियों के लिए एक नया और विस्तृत कोड ऑफ कंडक्ट लागू करने का फैसला लिया है। अपेक्स काउंसिल की आज की बैठक में इस कोड को मंजूरी दी गई, जिसका मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों में अनुशासन, ईमानदारी, फिटनेस और पेशेवर व्यवहार को बढ़ावा देना है। यह नियम आगामी क्रिकेट सत्र से सभी आयु वर्गों और स्तरों पर लागू होंगे।
CAU के अध्यक्ष दीपक मेहरा ने कहा, “यह कोड उत्तराखंड क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम चाहते हैं कि हमारे खिलाड़ी मैदान पर बेहतरीन प्रदर्शन करें और मैदान के बाहर भी अनुशासित एवं आदर्श बनें। इन सख्त नियमों से युवा प्रतिभाएं सही दिशा में आगे बढ़ेंगी और राज्य का क्रिकेट और मजबूत होगा।”
सचिव किरण रौतेला वर्मा ने कहां की अनुशासन, ईमानदारी और फिटनेस क्रिकेट के विकास की नींव हैं। यह कोड पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा और सभी खिलाड़ियों को बराबर अवसर देगा। हमें उम्मीद है कि इससे उत्तराखंड के क्रिकेटर राष्ट्रीय स्तर पर और बेहतर करेंगे और राज्य को गौरवान्वित करेंगे।”
कोड ऑफ कंडक्ट के मुख्य प्रावधान:
व्यवहार और अनुशासन: खिलाड़ियों को कोच, साथी खिलाड़ी, विरोधी टीम, अंपायर और अधिकारियों के प्रति सम्मानजनक व्यवहार रखना होगा। झगड़ा, अपशब्द, मौखिक दुर्व्यवहार या नकारात्मक बॉडी लैंग्वेज पर सख्त कार्रवाई।
बेईमानी पर रोक: चोट का नाटक करना, चोट छिपाना या स्टाफ को गुमराह करना पूरी तरह प्रतिबंधित।
उपस्थिति और पाबंदी: प्रैक्टिस, मीटिंग और मैचों में समय पर पहुंचना अनिवार्य। बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थिति को मिसकंडक्ट माना जाएगा, जिस पर निलंबन तक की सजा हो सकती है।
ईमानदारी और फिटनेस: चोट या फिटनेस मुद्दों की सच्चाई से रिपोर्टिंग जरूरी। BCCI के फिटनेस मानकों का पालन अनिवार्य।
सुविधाओं का सम्मान: किट, ग्राउंड, जिम और उपकरणों का दुरुपयोग पर दंड।
सोशल मीडिया और सार्वजनिक व्यवहार: टीम या अधिकारियों को बदनाम करने वाली पोस्ट प्रतिबंधित। आंतरिक मामलों पर नकारात्मक चर्चा नहीं।
मैदान पर व्यवहार: अंपायर से बहस, उपकरण फेंकना या अस्पोर्ट्समैनशिप पर सजा।
टीम कमिटमेंट: टीम हित को व्यक्तिगत अहंकार से ऊपर रखना। नकारात्मक गॉसिप या दोषारोपण प्रतिबंधित।
उल्लंघन पर सजा:
उल्लंघन की गंभीरता के आधार पर चेतावनी, जुर्माना (मैच फीस का 50%), मैच बैन या गंभीर मामलों में एक साल तक घरेलू क्रिकेट से प्रतिबंध। चोट छिपाने या बिना सूचना अनुपस्थिति पर तत्काल सत्र से हटाया जा सकता है।
शिकायतों के लिए निर्धारित चैनल का पालन अनिवार्य होगा। मैच रेफरी 24 घंटे में सुनवाई करेंगे। सभी खिलाड़ियों को कोड की स्वीकृति पर हस्ताक्षर करना होगा।
बैठक में सचिव किरन रौतेला वर्मा किरण , अध्यक्ष दीपक मेहरा, उपाध्यक्ष अजय पांडे, कोषाध्यक्ष मानस मेगवाल, संयुक्त सचिव नूर आलम, काउंसलर मनोज नौटियाल, सीईओ मोहित डोभाल सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
CAU जल्द ही विस्तृत गाइडलाइंस और स्वीकृति फॉर्म जारी करेगा, जिसकी जानकारी सभी क्लबों और खिलाड़ियों तक पहुंचाई जाएगी। यह कदम उत्तराखंड क्रिकेट को अधिक पेशेवर और अनुशासित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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