दादा की जमीन के लिए भतीजे को काट डाला, मर्डर के बाद दोनों चाचा फरार
परिवार के लोग दोनों जख्मी को उप जिला चिकित्सालय खटीमा ले गए, वहां चिकित्सकों ने बलविंदर को मृत घोषित कर दिया। गंभीर घायल बंटी को हल्द्वानी के एसटीएच में भर्ती कराया गया। एसओ देवेंद्र गौरवने बताया कि पिता
नानकमत्ता के गांव चैतुआखेड़ा में सम्पत्ति हड़पने के शक में दो चाचाओं ने शुक्रवार देर रात एक भतीजे को काट डाला। दूसरे को धारदार हथियार से गंभीर रूप से घायल कर दिया। हमले के बाद रात में ही दोनों आरोपी फरार हो गए।
पुलिस ने पिता की तहरीर पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेने की चर्चाओं की पुष्टि नहीं की है। जानकारी के मुताबिक चैतुआखेड़ा निवासी स्वरूप सिंह का बेटा 22 वर्षीय बलविंदर सिंह और 16 वर्षीय बंटी घर पर सो रहा था।
घर में बलविंदर की पत्नी, उसका एक साल का बच्चा, बलविंदर की बहन व पिता घर पर थे। बंटी ने बताया कि आधी रात को उसके दो चाचा मलकीत सिंह व मिल्खा सिंह उर्फ मिला घर में घुस आए। उन्होंने तेज धारदार हथियार से बलविंदर और उस पर वार करने शुरू कर दिए। शोर मचाने पर दोनों चाचा भतीजों को मृत समझकर भाग गए।
परिवार के लोग दोनों जख्मी को उप जिला चिकित्सालय खटीमा ले गए, वहां चिकित्सकों ने बलविंदर को मृत घोषित कर दिया। गंभीर घायल बंटी को हल्द्वानी के एसटीएच में भर्ती कराया गया। एसओ देवेंद्र गौरवने बताया कि पिता की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
नहीं दी मौत की जानकारीः चाचाओं के हमले में घायल बंटी नानकमत्ता इंटर कॉलेज में पढ़ता है। बंटी ने बताया कि उनकी मां नहीं है। पिता सीधे-साधे हैं। उसको भाई की मौत की जानकारी नहीं दी गई है। उसे बेहोश बताया गया है।
दादाजी घर पर होते तो उन्हें भी मार डालते
एसटीएच में भर्ती बंटी ने बताया कि उसके दोनों चाचा पहले भी दादा और उनसे विवाद करते थे। उनको सम्पत्ति हड़पने का शक है। दादा उनके साथ रहते हैं। इसको लेकर दोनों चाचा रंजिश रखते हैं। शक है कि दादा को अपने पक्ष में कर जमीन हड़प लेंगे। बंटी के अनुसार, दोनों चाचा उन दो भाइयों के साथ दादा की भी हत्या कर देना चाहते थे। सौभाग्यवश दादा घर पर नहीं थे।
दादा की जमीन बनी पोते की हत्या का कारण
जमीन के लिए सगे भतीजे की उसके चाचाओं ने ही धारदार हथियार से हत्या कर दी। पूरे हत्याकांड की कहानी पोते की लाश लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे दादा ने बयान की। दादा ने रुंधे गले से बताया कि कैसे एक जमीन का टुकड़ा उसके पोते की मौत का कारण बना। जिस जमीन के लिए पोते की जान गई, वह जमीन भी उसके नाम पर नहीं थी।
जमीन सरकारी और नानकसागर बांध की है। शनिवार को दादा महेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी का निधन हो गया था। उनके तीन बेटे हैं, इसमें स्वरूप सिंह, मलकीत सिंह, मिल्खा सिंह। स्वरूप सिह के दो बेटे बलविंदर और बंटी हैं। जबकि मलकीत के कोई संतान नहीं है और मिल्खा अविवाहित है। उनके पास नानकसागर बांध में कब्जे की 12 एकड़ जमीन है।
उन्होंने उसे तीनों बेटों में बराबर 3-3 एकड़ बांट दिया। चौथा हिस्सा उनका अपना तीन एकड़ का है। वह स्वरूप सिंह के साथ रहते हैं। स्वरूप सिंह ही उनकी जमीन में खेतीबाड़ी करता है। उन्होंने बताया कि इस तीन एकड़ जमीन के लिए ही मलकीत और मिल्खा स्वरूप सिंह के परिवार से रंजिश रखते हैं।
पिता की जमीन पर भाई स्वरूप सिंह के खेती करने को दोनों भाई पचा नहीं पाए। शुक्रवार देर रात दोनों भाइयों ने भतीजों पर हमला कर दिया। इस हमले में बलविंदर की मौत हो गई, जबकि बंटी घायल हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवा दिया है। जबकि घायल बंटी का हल्द्वानी में उपचार चल रहा है।
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