*लापरवाही पर पड़ी गाज — मानव–वन्यजीव संघर्ष मामलों में डीएफओ हटाए गए*
मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर नियंत्रण हेतु आज सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में वन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री सुबोध उनियाल जी ने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हुए इस विषय पर संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्य कर रही है।
मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि उन्होंने *अधिकारियों को पूर्व में ही स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मानव–वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम को लेकर लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।* इसी क्रम में *पौड़ी संभाग के डीएफओ को तत्काल प्रभाव से हटाने के आदेश जारी किए गए हैं।*
बैठक में यह सुनिश्चित किया गया की वन विभाग संघर्ष के किसी भी मामले की सूचना मिलते ही टीम अधिकतम 30 मिनट के भीतर घटना स्थल पर पहुँचे। प्रभावित व्यक्तियों को आर्थिक सहायता तुरंत दी जाए और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में जनजागरूकता अभियानों के साथ-साथ ग्रामीणों को सोलर लाइट, ग्रास कटर आदि उपकरण उपलब्ध कराए जाएँ।
उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि जिन स्थानों पर जंगली जानवरों की गतिविधियाँ अधिक पाई जाती हैं, वहाँ विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की सुरक्षा हेतु वन विभाग और जिला प्रशासन आपसी समन्वय से आवश्यक सुरक्षा व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें।
श्री उनियाल ने दोहराया कि मानव–वन्यजीव संघर्ष जैसे संवेदनशील विषय पर किसी भी स्तर की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है और विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी पूर्ण सक्रियता के साथ क्षेत्रीय स्तर पर कार्य करें।

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