NEET पेपर लीक मामले में सरकार की हो रही किरकिरी के बाद केंद्र ने बड़ा एक्शन लिया है। सरकार ने राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के डीजी सुबोध कुमार सिंह को हटा दिया है।सुबोध की जगह प्रदीप सिंह खरोला को नया डीजी नियुक्त किया गया है।
इससे पहले प्रतियोगी परीक्षाओं नीट और नेट में अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ”पारदर्शी, छेड़छाड़ मुक्त और त्रुटि रहित परीक्षाएं एक प्रतिबद्धता है। विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति का गठन परीक्षा प्रक्रिया की दक्षता में सुधार लाने, सभी संभावित कदाचारों को समाप्त करने, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने और एनटीए में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदमों की श्रृंखला में पहला कदम है।”
उन्होंने कहा, ”छात्रों का हित और उनका उज्ज्वल भविष्य सदैव हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।” समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली को लेकर सिफारिशें करेगी।
समिति दो महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। समिति में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी जे राव, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस के राममूर्ति शामिल हैं। ‘पीपल स्ट्रॉन्ग’ के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के छात्र मामलों के डीन आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल भी समिति में शामिल हैं। शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि समिति एनटीए की मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी), प्रोटोकॉल की गहन समीक्षा करना तथा प्रत्येक स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र के साथ-साथ इन प्रक्रियाओं को मजबूत करने के उपाय सुझाएगी।
समिति एनटीए की मौजूदा डेटा सुरक्षा प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करना तथा इसके सुधार के लिए उपाय का सुझाव देगी। राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) के आयोजन में गड़बड़ी को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही एनटीए रविवार को छह केंद्रों पर उन 1,563 अभ्यर्थियों के लिए मेडिकल प्रवेश परीक्षा की दोबारा परीक्षा आयोजित करने की तैयारी कर रही है, जिन्हें समय की बर्बादी की भरपाई के लिए पहले कृपांक दिए गए थे। मेडिकल में प्रवेश की परीक्षा नीट कथित लीक सहित कई अनियमितताओं को लेकर जांच के घेरे में है, वहीं यूजीसी-नेट को आयोजित होने के एक दिन बाद ही रद्द कर दिया गया क्योंकि मंत्रालय को सूचना मिली थी कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया।
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