एनसीएलटी ने भंग किया पुष्पांजलि का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स…खरीदारों को बड़ी राहत, पढ़ें पूरा मामला
खरीदारों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि नोएडा के आम्रपाली प्रोजेक्ट की तरह पुष्पांजलि इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट को किसी अन्य बिल्डर को सौंपा जाए। साथ ही ईडी की ओर से अटैच किए गए बिल्डर्स की संपत्ति को मुक्त किया जाए, ताकि रेरा कोई कदम उठा सके।
पुष्पांजलि ग्रुप की आर्किड पार्क आवासीय परियोजना में अपनी मेहनत के 45 करोड़ रुपये फंसा चुके खरीदारों को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) से बड़ी सफलता मिली है। एनसीएलटी ने पुष्पांजलि प्रोजेक्ट के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स को भंग करते हुए सभी अधिकार अपने हाथ में ले लिए हैं। इसके साथ ही अन्य एजेंसियों को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से जुड़े मसलों में हस्तक्षेप नहीं करने के निर्देश दिए हैं। इससे खरीदारों को पहली बार उम्मीद की किरण जगी है।
बता दें कि जब कोई कंपनी दिवालिया होकर अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करती तब ट्रिब्यूनल उसकी संपत्ति को दावेदारों में वितरित करने के दावे की सुनवाई करता है। पुष्पांजलि इंफ्राटेक प्रा.लि. की आर्किड पार्क और एमिनेंट हाइट्स परियोजना में धोखाधड़ी के कारण 91 खरीदारों को राहत नहीं मिल पा रही है। समयसीमा पूरी होने के बाद भी जब फ्लैट नहीं मिले, तो खरीदारों ने रेरा से कहा कि प्रोजेक्ट किसी अन्य बिल्डर को सौंपकर निर्माण पूरा कराया जाए, लेकिन रेरा ऐसा निर्णय नहीं ले सका, क्योंकि बैंक का कर्ज होने के कारण ईडी ने परियोजना की संपत्ति को पहले ही अटैच कर रखा है।
इसके बाद खरीदारों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि नोएडा के आम्रपाली प्रोजेक्ट की तरह पुष्पांजलि इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट को किसी अन्य बिल्डर को सौंपा जाए। साथ ही ईडी की ओर से अटैच किए गए बिल्डर्स की संपत्ति को मुक्त किया जाए, ताकि रेरा कोई कदम उठा सके। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर कहा, यह प्रकरण रेरा के कार्यक्षेत्र का है। रेरा ही इसमें कार्रवाई की करेगा। लेकिन पुष्पांजलि प्रोजेक्ट की संपत्ति ईडी में अटैच होने के कारण रेरा इसमें कोई एक्शन नहीं ले पा रहा।
चारों ओर से मायूसी मिलने के बाद पुष्पांजलि प्रोजेक्ट के खरीदारों ने मई 2024 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) का रुख किया। परियोजना के 91 में 71 खरीदारों ने एनसीएलटी में वाद दायर किया। 71 खरीदारों ने वाद में कहा कि पुष्पांजलि समूह को दिवालिया घोषित करें। उसकी संपत्तियों से उनकी फंसी हुई रकम दिलाई जाए। अब एनसीएलटी ने परियोजना के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स को भंग कर दिया है। इसकी सूचना रेरा को भी दी गई है। उधर रेरा ने एनसीएलटी के रेजोल्यू्शन प्रोफेशनल अनुराग निर्भय से अपडेट मांगा है
उम्मीद जगी, जल्द न्याय मिल सकेगा
आर्किड पार्क वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष कविता भाटिया ने बताया कि उनकी संस्था आर्किड पार्क वेलफेयर सोसाइटी का पंजीकरण हो गया है।बताया, पुष्पांजलि इंफ्राटेक की संबंधित प्रापर्टी पर पीएनबी का 21 करोड़ रुपये का लोन बकाया है। इसलिए रेरा सेक्शन-8 का प्रयोग कर प्रोजेक्ट किसी अन्य प्रमोटर को नहीं सौंप पा रहा। उधर परियोजना के निदेशक दीपक मित्तल, राखी मित्तल व राजपाल वालिया अभी भी प्रोजेक्ट में अपने निर्णय ले रहे थे। अब एनसीएलटी ने परियोजना के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स को भंग कर दिया है, इससे उम्मीद जगी है कि जल्द उन लोगों को न्याय मिल सकेगा।
अपना प्रस्ताव विस्तार से दें बिल्डर्स
एनसीएलटी ने अधूरी परियोजना को पूरा कराने के लिए भी बिल्डर्स को आमंत्रित किया, इसमें 17 बिल्डरों ने अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने में अपनी रुचि जताई है। रेजोल्यू्शन प्रोफेशनल के तौर पर अनुराग निर्भय की तैनाती भी की गई है। बिल्डर्स से विस्तार में अपना प्रस्ताव देने को कहा गया है।
यह है एनसीएलटी
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार आइबीसी की धारा 60 (5) (सी) के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) कॉरपोरेट कर्जदार के इंसॉल्वेंसी से जुड़े या उससे संबंधित विवादों में निर्णय देती है।
कहीं अन्य परियोजनाएं तो नहीं होेंगी प्रभावित
पुष्पांजलि ग्रुप की तीन परियोजनाएं देहरादून में संचालित हो रही हैंं। कुछ में निर्माण अधूरा है, तो कुछ में प्रगति पर। बोर्ड आफ डायरेक्टर्स भंग होने का असर सभी परियोजनाओं पर पड़ सकता है।
एनसीएलीटी से पुष्पांजलि ग्रुप के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के भंग होने की जानकारी मिली है, अब पुष्पांजलि समूह के निदेशक किसी प्रकार का कोई निर्णय नहीं ले सकेंगे।
– नरेश सी मठपाल, सदस्य, उत्तराखंड रेरा
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