राष्ट्रीय खेलों से दोगुना खर्च खेल और खिलाड़ियों पर होगा, देवभूमि को खेलभूमि के रूप में भी जानेंगे
हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय और चंपावत में 265 करोड़ के बजट से महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना का कार्य प्रमुख तौर पर होना है। आगामी वित्तीय वर्ष में खेल विभाग ने लगभग दोगुने बजट की मांग की है।
38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए उत्तराखंड खेल विभाग को जितना बड़ा और ऐतिहासिक बजट मिला, उससे दोगुना खर्च आने वाले वित्तीय वर्ष में खेलों के बुनियादी ढांचे का रखरखाव करने, विभिन्न खेल अकादमी खोलने और खिलाड़ियों को तैयार करने पर होगा।
इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए खेल विभाग ने 864 करोड़ का बजट मांगा है। इसमें खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का निर्माण कार्य भी शामिल है। उत्तराखंड के खेल विभाग को 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए आज तक सबसे बड़ा बजट लगभग 532 करोड़ रुपये मिला, जो 11 खेल स्थलों पर बुनियादी ढांचे के निर्माण में विदेशों से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण मंगवाने, विभिन्न निर्माण कार्य आदि अवस्थापना में खर्च हुए। 16 खेलों के उपकरण अमेरिका व यूरोपीय देशों से खरीदे गए।
खेल अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन तो ऐतिहासिक हुआ, लेकिन अब उससे भी बड़ी चुनौती उन खेल अवस्थापना की देखरेख और देवभूमि की पहचान खेलभूमि के तौर पर बनाने की है। जिसके लिए हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय और चंपावत में 265 करोड़ के बजट से महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना का कार्य प्रमुख तौर पर होना है। आगामी वित्तीय वर्ष में खेल विभाग ने लगभग दोगुने बजट की मांग की है। 864 करोड़ के बजट के अलावा खेल विकास निधि, सेस व अन्य माध्यम से भी कोष जुटाया जाएगा।
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