राष्ट्रीय खेलों ने 13 साल बाद खोले आइस स्केटिंग रिंक के दरवाजे, रखरखाव के अभाव में पड़ा था बंद
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर में बने देश के इस एकमात्र इंडोर रिंक का जिम्मा इस साल ही प्रदेश सरकार ने अपने पास ले लिया था। इससे पहले एक निजी कंपनी इसका संचालन कर रही थी।
उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों से पहले रविवार को राजधानी दून में लोगो, गान, शुभंकर, मशाल और जर्सी का लोकार्पण किया गया। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए सभी खिलाड़ियों समेत उत्तराखंड वासियों में उत्साह है। इसके साथ ही राजधानी दून में बीते 13 वर्षों से बदहाल पड़े साउथ-इस्टर्न एशिया के एकमात्र आइस स्केटिंग रिंक के भी दरवाजे खुल गए।
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर में बने देश के इस एकमात्र इंडोर रिंक का जिम्मा इस साल ही प्रदेश सरकार ने अपने पास ले लिया था। इससे पहले एक निजी कंपनी इसका संचालन कर रही थी।
दरअसल, साल 2011 में साउथ-इस्टर्न एशियन विंटर गेम्स के लिए 80 करोड़ रुपये की लागत से इस आइस स्केटिंग रिंक को बनाया गया था। इस प्रतियोगिता में भारत के अलावा पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका ने हिस्सा लिया था। सिर्फ एक आयोजन के बाद यहां न कोई प्रतियोगिता हुई और न ही यहां कोई खिलाड़ी अभ्यास करता है।
लेकिन रविवार को हुए भव्य लोकार्पण कार्यक्रम से इंडोर रिंक के दरवाजे तो खुले ही साथ ही खिलाड़ियों की उम्मीदें भी जाग गईं। खिलाड़ियों ने कहा, विश्वस्तरीय रिंक होने के बावजूद प्रदेश के खिलाड़ी अभी तक दूसरे राज्यों में जाकर अभ्यास कर रहे थे। ऐसे में एक बार फिर उम्मीद जगी है और अब खिलाड़ी अपने ही प्रदेश में बेहतर सुविधाओं के साथ अभ्यास कर सकेंगे।
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