राजकीय पालिटेक्निक कालेज में प्रवक्ता पद भर्ती पर स्नातक प्रथम श्रेणी की बाध्यता हटी
नैनीताल हाईकोर्ट ने भर्ती प्रवेश परीक्षा में दी बड़ी राहत
हाईकोर्ट की अनुमति से जारी होगा परीक्षा परिणाम
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राजकीय पालिटेक्निक कालेजों में प्रवक्ता का ख्वाब देख रहे युवाओं को राहत देते हुए उन्हें भर्ती प्रवेश परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही परिणाम को बिना उच्च न्यायालय के निर्देश के जारी नहीं करने को कहा है।
दरअसल उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से प्रदेश के पालिटेक्निक कालेजों में विभिन्न विषयों के 527 प्रवक्ता पदों को भरने के लिए सात जुलाई, 2024 को विज्ञप्ति जारी की गई थी। आयोग की ओर से इन पदों के लिए वांछित योग्यता स्नातक में प्रथम श्रेणी रखी गई।
विज्ञप्ति को अजय सिंह बिष्ट और अन्य युवाओं की ओर से उच्च न्यायालय में पृथक पृथक याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी गई।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि सरकार की ओर से अंतिम बार वर्ष 2015 में विज्ञप्ति जारी की गई लेकिन इस बार वांछित योग्यता में बदलाव कर दिया जबकि पिछली बार यह स्नातक द्वितीय श्रेणी रखी गई थी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से आगे कहा गया कि चयन लिखित परीक्षा के साथ ही साक्षात्कार के माध्यम से किया जाना है। इसलिए आयोग की स्नातक प्रथम श्रेणी की शर्त उचित नहीं है। यह उन युवाओं के साथ अन्याय है जो पिछले कई वर्षों से परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की मांग अदालत से की गई।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। अधिवक्ता शुभांग डोभाल ने कहा कि अदालत ने याचिकाकर्ताओं को दस दिन के अंदर आफलाइन आवेदन करने को कहा है। साथ ही बिना अदालत की अनुमति के परीक्षा परिणाम जारी नहीं करने के निर्देश भी दिए हैं।
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