देहरादून। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद की शपथ जहां पुष्कर सिंह धामी ने ले ली है वहीं उनके साथ 8 कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली है। लेकिन सबसे जो चौंकाने वाला भाजपा हाईकमान का रहा वह यह रहा कि आज भाजपा हाईकमान ने पूर्व कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल बंशीधर भगत और अरविंद पांडे को मंत्री बनने का मौका नहीं दिया।
सबसे ज्यादा चौंकाने वाला मामला पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को लेकर देखा जा रहा है। जिनको किसी की उम्मीद नहीं थी कि उनको कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया जाएगा। 2017 में शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी निभाने वाले अरविंद पांडेय ने 5 सालों में शिक्षा विभाग में कई ऐतिहासिक काम किए। जिसके बदौलत उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें कैबिनेट में जरूर जगह मिलेगी, और फिर से शिक्षा विभाग दिया जाएगा। खास बात यह है कि अरविंद पांडे ने उस मिथक को भी थोड़ा जिसमें शिक्षा मंत्री उत्तराखंड में चुनाव नहीं जीत पाता है। लेकिन इसके बावजूद भी उनको कैबिनेट में मंत्री न बनाए जाने से उनके समर्थकों में मायूसी किन कारणों से अरविंद पांडे को मंत्री नहीं बनाया गया इसकी वजह जहां सभी जानना चाह रहे हैं। वही कारण यह भी बताया जा रहा है कि उधम सिंह नगर जनपद से सौरभ बहुगुणा को मंत्री बनाए जाने से अरविंद पांडे को मंत्री पद नहीं दिया गया। हालांकि यह बात अलग है कि जब पुष्कर सिंह धामी पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तो तब उधम सिंह नगर जनपद से ही पुष्कर सिंह धामी के साथ यशपाल आर्य को कैबिनेट में शामिल किया गया था। लेकिन इस बार उधम सिंह नगर जनपद से केवल एक ही मंत्री पद दिया गया है, जबकि 2017 में उधम सिंह नगर जनपद से दो मंत्री बनाए गए थे।
वही कयासों के बीच एक बात और राजनैतिक गालियारे में चल रही हैं कि अरविन्द पांडे के खिलाफ एक और बात गई हैं सूत्रों कि माने तो एक पूर्व विधायक ने पार्टी अलाकमान को पत्र लिखकर पांडेय को लेकर पत्र लिखा हैं जिसमे कुछ आरोप लगाए हैं.
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