शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा में विराजमान हुई मां गंगा की डोली, छह माह यहीं होगी पूजा
सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार आज भी मां गंगा की उत्सव डोली कपाट खुलते समय मुखबा से गंगोत्री धाम तक पैदल जाती है। वहीं कपाट बंद होने पर उत्सव डोली गंगोत्री से मुखबा तक पैदल ही आती है।
गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद आज मां गंगा की उत्सव डोली भैयादूज के अवसर पर अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा में विराजमान हो गई है। यहां पर मां गंगा के तीन दिन निर्वाण दर्शन होंगे। बीते बुधवार को शीतकाल के लिए मां गंगा की डोली गंगोत्री से मुखबा गांव से तीन किमी पहले चंडेश्वरी मंदिर में पहुंची थी।
वहां पर रात्रि विश्राम के बाद आज समेश्वर देवता की अगुवाई में मुखबा स्थित गंगा मंदिर पहुंची। यहां पर ग्रामीणों ने धूप, फूल मालाओं के साथ मां गंगा का मायके में स्वागत किया। अब छह माह गंगा जी के दर्शन मुखबा में होंगे।

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