सभी विभागों से एक सप्ताह में बजट खर्च का मासिक प्लान तलब, कौशल विकास समेत छह का खर्च जीरो
समाज कल्याण, सैनिक कल्याण और कौशल विकास समेत छह विभागों का खर्च जीरो है।पांच विभाग धनराशि जारी होने के बाद भी 10 फीसदी से भी कम खर्च कर पाए।
विभागीय खाते में धनराशि होने के बावजूद सरकार के आधा दर्जन विभागों ने एक पाई तक नहीं खर्ची। इतना ही नहीं धनराशि प्राप्त करने के बावजूद पांच विभागों ने कुल आवंटित धनराशि का 10 फीसदी से भी कम खर्च किया। खर्च के खराब प्रदर्शन पर अपर मुख्य सचिव (वित्त) आनंद बर्द्धन ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने विभाग को सभी विभागों से बजट खर्च का प्लान तलब करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही खर्च में फिसड्डी विभागों को चेतावनी भी जारी करने को कहा है।
पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव ने विभागों की पूंजीगत, केंद्र सहायतित, बाह्य सहायतित, नाबार्ड पोषित योजनाओं की वित्तीय और भौतिक प्रगति की समीक्षा की थी। साथ ही उन्होंने खर्च की प्रगति का आकलन भी किया था। बता दें कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न विभागों के लिए 13780 करोड़ का पूंजीगत प्रावधान किया है।
वित्त विभाग के मुताबिक, 2869 करोड़ रुपये विभागों को जारी किया गया। इसके सापेक्ष विभागों ने 1709 करोड़ रुपये खर्च हुए। विभागों को कुल आवंटित राशि का 40 फीसदी अब तक खर्च नहीं हो पाया है। बैठक के जारी कार्यवृत्त के मुताबिक, खर्च की ढीली प्रगति पर चिंता जाहिर करते हुए एसीएस ने सभी विभागों को एक सप्ताह के भीतर खर्च का मासिक प्लान देने के निर्देश दिए। साथ ही नाबार्ड से वित्त पोषण के लिए अच्छे प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजने को कहा है।
एक पाई तक नहीं खर्ची
वित्त विभाग की समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि समाज कल्याण, मत्स्य, सैनिक कल्याण, कौशल विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग को पूंजीगत मद में अवमुक्त धनराशि का एक पैसा भी नहीं खर्चा गया। इन सभी विभागों को एसीएस ने खर्च बढ़ाने की हिदायत दी।
10 फीसदी से कम खर्चा
पांच विभागों ने सात फीसदी से भी कम खर्च किया। इनमें पशुपालन (4.16%) उद्यान (6.66%), उच्च शिक्षा (6.9%), राजस्व (5.0%), आवास (5.3%) प्रमुख हैं।
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