मानसून की दुश्वारियों से नहीं रुके आस्था के कदम, इस बार 30 प्रतिशत बढ़े तीर्थयात्री
इस साल चारधाम यात्रा में मानसून के बावजूद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। पिछले साल के मुकाबले 30% अधिक तीर्थयात्री आए। 26 जून से 26 जुलाई तक 5.23 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। कांवड़ यात्रा के दौरान भी तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई। पर्यटन विभाग यात्रियों को सुविधाएँ मुहैया करा रहा है
चारधाम यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था जरा भी कम नहीं हो रही है। पर्वतीय जनपदों में मानसून के दौरान होने वाले भू-स्खलन और आपदा के बावजूद रोजाना हजारों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं।
बीते, 26 जून से 26 जुलाई तक 5,23,656 श्रद्धालुओं ने चारों धाम के दर्शन किए हैं। जो पिछले साल की अपेक्षा करीब 30 प्रतिशत अधिक है। जबकि पिछले साल 2024 में 26 जून से 26 जुलाई के बीच 3,61,577 तीर्थयात्री पहुंचे थे।
राज्य में एक मई से प्रारंभ हुई चारधाम यात्रा में अब तक 40,82,731 तीर्थयात्री पहुंचे हैं। जिसमें से सबसे अधिक 14.27 लाख ने केदारनाथ, 11,96 लाख ने बदरीनाथ, 6.60 लाख ने गंगोत्री और 5.78 लाख श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम के दर्शन किए हैं।
हालांकि मानसून शुरू होने के बाद यात्रा में जाने वाले तीर्थयात्रियों का प्रवाह हर साल आधे से कम हो जाता है। लेकिन इसके बावजूद रोजाना करीब 10 हजार यात्री चारधाम के दर्शन को जा रहे हैं।
कांवड़ यात्रा में भी नहीं ठिठके कदम
आमतौर पर देखा जाता है कि कांवड़ यात्रा शुरू होने के बाद चारधाम जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में गिरावट आने लगती है। लेकिन इस बार कांवड़ के दौरान भी पिछले साल की अपेक्षा 35.81 प्रतिशत अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं। साल 2024 में 22 जुलाई से दो अगस्त के बीच शुरू हुई कांवड़ यात्रा के दौरान 1.15 लाख तीर्थयात्री चारधाम पहुंचे थे। जबकि इस बार 11 से 23 जुलाई के बीच हुई कांवड़ यात्रा में 1.79 लाख तीर्थयात्री पहुंचे हैं।
मानसून (26 जून से 26 जुलाई) में चारों धाम में पहुंचे तीर्थयात्री
साल — – यमुनोत्री — – गंगोत्री — – केदारनाथ — – बदरीनाथ — – हेमकुंड साहिब
2025 — – 36,854 — 1,03,146 — 1,56,398 — 1,76,322 — 50,936
2024 — – 50,905 — 1,06,439 — 1,13,925 — 1,24,976 — 29,562
तीर्थयात्री पूरे हर्षाेल्लास से यात्रा कर रहे हैं। पर्यटन विभाग व प्रशासन के माध्यम से यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। मानसून के खतरे को लेकर यात्रियों को पहले ही सूचित कर दिया जाता है। यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों के रुकने के लिए कैंप मौजूद हैं। – योगेंद्र कुमार गंगवार, नोडल अधिकारी, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद।

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