केंद्र सरकार की प्राथमिकता में किसान हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए खरीफ मौसम की 14 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी राजग की तीसरी सरकार ने एक दिन पूर्व अपने पहले फैसले पीएम किसान सम्मान निधि के तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि जारी की थी। इसमें धान, कपास एवं दलहन जैसी फसलें भी शामिल हैं।
सरकार प्रतिवर्ष एमएसपी तय करती है
किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार प्रतिवर्ष एमएसपी तय करती है। एमएसपी की नई दरें 2024-25 के लिए जारी की गई हैं। कैबिनेट की बैठक के बाद बुधवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि धान के एमएसपी में प्रति क्विंटल 117 रुपये वृद्धि गई है। अब किसान अपना धान 2300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेच सकते हैं। नए एमएसपी पर दो लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे।
दो लाख नए गोदाम बनाने का फैसला
यह पिछले फसल सीजन की तुलना में 35 हजार करोड़ रुपये ज्यादा होगा। 2004-14 की तुलना करें तो मोदी के कार्यकाल में हर फसल पर ज्यादा खरीद की गई। पैदावार की सुरक्षा की चिंता करते हुए सरकार ने पंचायत स्तर पर दो लाख नए गोदाम बनाने का फैसला किया है। वैष्णव ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि की सिफारिश तिलहन एवं दालों के लिए की गई है। धान की फसल का एमएसपी 117 रुपये बढ़ाया गया है।
एमएसपी के दायरे में कुल 23 फसलें शामिल
कपास का नया एमएसपी 7,121 रुपये होगा। इसकी एक अन्य किस्म का एमएसपी 7,521 रुपये होगा। यह पहले से 501 रुपये ज्यादा है। तिल 632 रुपये प्रति क्विंटल और अरहर दाल 550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।एमएसपी वह निर्धारित मूल्य होता है जो किसानों को उनकी उपज की लागत की तुलना में लगभग डेढ़ से गुना ज्यादा होता है। कमीशन फार एग्रीकल्चर कास्ट एंड प्राइजेस की सिफारिश पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर विमर्श के बाद इसे तय करते हैं। अभी एमएसपी के दायरे में कुल 23 फसलों को शामिल किया गया है।
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