मोदी सरकार का तगड़ा दांव… UPS में ये 3 गारंटी, क्या पेंशन को लेकर कर्मचारियों की टेंशन खत्म?
सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पेश की है. क्योंकि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की लगातार आलोचना हो रही थी, और सरकार को कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा था.
कर्मचारी एक सुर में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग कर रहे थे. लेकिन अब बीच का रास्ता निकालते हुए सरकार UPS लेकर आई है.
दरअसल, पुरानी पेंशन योजना (OPS) सरकारी कर्मचारियों में काफी लोकप्रिय थी, क्योंकि यह अंतिम वेतन के आधार पर सुनिश्चित पेंशन की गारंटी देती थी. लेकिन NPS में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, जिससे कर्मचारी OPS की मांग कर रहे थे, लेकिन अब सरकार ने काफी मंथन के बाद UPS का विकल्प दिया है. UPS की खूबियों को देखें तो एक तरह से ये OPS और NPS के बीच का रास्ता है. ये OPS जैसा नहीं है, लेकिन कई चीजें इसमें OPS से ही ली गई हैं. जबकि NPS की तुलना में UPS काफी बेहतर है.
दरअसल, कर्मचारी लगातार गारंटेड पेंशन की मांग करते आए हैं, जो सुविधा OPS में थी. लेकिन अब UPS में सरकार ने तीन गारंटी देकर गेंद कर्मचारियों के पाले में डाल दी है. यही तीन गारंटी UPS की सबसे बड़ी खूबियां भी हैं.
1. UPS में पहली गारंटी
निश्चित पेंशन (Assured Amount): UPS में रिटायरमेंट के तहत एक निश्चित पेंशन दी जाएगी, जो 12 महीने के एवरेज बेसिक पे का 50 फीसदी होगा. OPS में भी रिटायरमेंट के समय में निश्चित पेंशन का प्रावधान है. जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.
शर्त:
इसके लिए शर्त यह है कि कर्मचारियों का सर्विस टेन्योर 25 साल का हो. यानी कम से कम 25 साल नौकरी करनी होगी. अगर सर्विस 25 साल से कम है और 10 साल से अधिक है तो यह अमाउंट प्रो-डेटा के आधार पर दिया जाएगा. इस बारे में अभी फॉर्मूले का इंतजार है.
2. UPS में दूसरी गारंटी
निश्चित पारिवारिक पेंशन: UPS के तहत पारिवारिक पेंशन भी दी जाएगी, जो कि सरकार की दूसरी गारंटी है, फैमिली पेंशन कर्मचारी के मूल वेतन का 60 फीसदी होगी. यह पेंशन कर्मचारी की मृत्यु के तुरंत बाद उनके परिवार को दी जाएगी. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि अगर पहले ही वर्ष किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो क्या उसके परिवार को भी इसी आधार पर पेंशन मिलेगी. OPS में भी सेवा के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है.
एक उदाहरण से समझें तो अगर किसी कर्मचारी को 30 हजार रुपये महीने पेंशन मिल रही है, तो उनकी मौत के बाद पत्नी को 60 फीसदी यानी 18000 रुपये मंथली पेंशन मिलेगी.
3. UPS में तीसरी गारंटी
न्यूनतम पेंशन का प्रावधान: UPS के तहत अगर कोई कर्मचारी कम से कम 10 वर्षों की सेवा के बाद रिटायर होता है, तो उसे न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन मिलेगी. यानी UPS में 10 साल की सर्विस पर कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन का प्रावधान है. OPS में 40 फीसदी पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है, जबकि NPS में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
लेकिन अगर किसी ने 10 साल से कम नौकरी की है तो क्या उन्हें पेंशन नहीं मिलेगी? इस बारे में अभी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है, क्योंकि सरकार का कहना है कि कम से कम 10 साल की सर्विस पर न्यूनतम 10 हजार रुपये मंथली पेंशन मिलेगाी. लेकिन उससे कम सर्विस पर क्या प्रावधान होगा, इस मुद्दे पर सस्पेंस बना हुआ है.
इसके अलावा UPS में मेडिकल फैसिलिटी दी जाएगी, जबकि OPS में रिटायरमेंट के बाद मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन NPS में इसका स्पष्ट प्रावधान नहीं है.
लेकिन अगर किसी ने 10 साल से कम नौकरी की है तो क्या उन्हें पेंशन नहीं मिलेगी? इस बारे में अभी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है, क्योंकि सरकार का कहना है कि कम से कम 10 साल की सर्विस पर न्यूनतम 10 हजार रुपये मंथली पेंशन मिलेगाी. लेकिन उससे कम सर्विस पर क्या प्रावधान होगा, इस मुद्दे पर सस्पेंस बना हुआ है.
इसके अलावा UPS में मेडिकल फैसिलिटी दी जाएगी, जबकि OPS में रिटायरमेंट के बाद मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन NPS में इसका स्पष्ट प्रावधान नहीं है.
बता दें, UPS को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा. इस स्कीम को लागू करने के बाद हर साल सरकारी खजाने पर 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा. सरकार की तरफ से कहा गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को यह निर्णय लेने का अधिकार होगा कि वे NPS में बने रहें या UPS में शामिल हों. यह योजना उन सभी पर लागू होगी, जो 2004 के बाद से NPS के तहत रिटायर हो चुके हैं.
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) सरकार के कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना है. इस योजना के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन का प्रावधान किया जाएगा, जो नई पेंशन योजना (NPS) से अलग है, जिसमें पेंशन की राशि निश्चित नहीं होती थी.
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