“हरीश कथा” पार्ट-1
“मैं गंगा जल हाथ में लेकर गीता को साक्षी मानते हुए कसम खाता हूँ , जो कहूँगा सच कहूँगा सच के सिवा कुछ नहीं कहूँगा”
हरीश रावत जी आप अक्सर दल-बदल, भगौड़े, ब्लैकमेलर , उज्याडू बेल जैसे अलंकारों से हरक सिंह जी और अन्य लोगो को अलंकृत करते रहते है, और एक ख़ास बात आपने आज तक सिर्फ़ हरक सिंह जी को ही इन सब शब्दों से नवाजा है जबकि पार्टी छोड़कर जाने वालों में सुबोध उनियाल जी और अन्य भी थे। दरअसल सुबोध जी को कुछ बोलने की आपकी हिम्मत नहीं
क्योंकि वो पलटके आपको ठाँस देते है और आपकी घिग्घी बंध जाती है। खैर, हरीश रावत जी ये बताओ जब 2012 के विधानसभा चुनाव निपटा गए थे और कांग्रेस ने आपको आईना दिखाते हुए श्री विजय बहुगुणा जी को उत्तराखंड राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया था तो आपने शुरुआत के एक हफ्ते में क्या-क्या कारनामे किए थे ? खैर, आप तो बताओगे नहीं अब मुझे ही बताने पड़ेंगे। विजय बहुगुणा जी के नाम को घोषणा होते ही आप अपने विधायकों के साथ अपने तीन मूर्ति आवास पर इक्कठा होकर हमेशा की तरह ये साजिशों के ताने-बाने बुनने लगे थे,
उसी दौरान हरक सिंह रावत जी एक राष्ट्रीय पार्टी तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात कर चुके थे और ये तय हो गया था कि हरक सिंह रावत अगर विधायक लेकर आते है तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हरक सिंह अध्यक्ष से मुलाकात करके अपने आवास के लिए निकले , घनघोर बारिश हो रही थी, अचानक हरक सिंह रावत जी ने अपनी कार आपके घर मोड़ने को कहा। आपके घर पहुँचने के बाद आप दोनों रसोई के पास वाले ड्राइंग रूम में बैठे, आपसे हरक सिंह ने कहा भाईसाहब एक बात बोलूँ , आपने कहा बताओ, हरक सिंह ने कहा, क्या आप मुख्यमत्री बनने के लिए किस हद तक जा सकते है ? आपने कहा है किसी भी हद तक जा सकता हूँ, हरक सिंह बोले तो सुनो भाईसाहब मेरे पास अभी उम्र बहुत इसीलिए पहले आप मुख्यमंत्री बन जाओ, आपने कहा इसके लिए क्या करना होगा ?
हरक सिंह ने आपको पूरा प्लान बताया। आप तब भी शातिर थे और आज भी शातिर हो, आपने पूरा प्लान समझा और उसके बाद मेरे दिवंगत दोस्त संदीप कालिया और एक अन्य पत्रकार(नाम नहीं लिखूँगा, के साथ राष्ट्रीय पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष के घर पीछे के रास्ते से पहुँच गए , और और एक बार नहीं कई बार गए और तय करके आ गए कि आप विधायक लेकर आओगे और वो आपको सीएम बनायेंगे, इसी क्रम में जब उस पार्टी के सारे विधायकों को मध्य-प्रदेश भेज दिया गया तो आपने ये बात दिवंगत अहमद पटेल जी तक पहुँचा दी कि हरीश रावत सरकार गिरानेजा रहे है और शुरू हो गया राष्ट्रीय नेताओं द्वारा आपको मनाने का सिलसिला जिसके एवज में आपने केंद्री मंत्री का पद हथिया लिया। सिलसिला यही ख़त्म नहीं हुआ , आपने विजय बहुगुणा जी को अस्थिर करने के सारे हथकंडे जब तक अपनाये जब तक उन्हें हटाकर आप सीएम नहीं बने।
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