लापता सदस्य बोले- हम तो मर्जी से गए थे
नैनीताल के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान कांग्रेस ने BJP नेताओं पर तलवारों और पिस्टलों के दम पर कांग्रेस जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण करने का आरोप लगाया था। आरोपों के अनुसार ये सभी सदस्य कांग्रेस के दूसरे चुने हुए
उत्तराखंड के नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव वाले दिन पांच कांग्रेस सदस्यों के कथित अपहरण मामले में शुक्रवार को उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब लापता हुए पांचों जिला पंचायत सदस्यों ने एक वीडियो जारी कर स्वेच्छा से मतदान से किनारा करने की बात कही। वीडियो में सदस्यों ने कहा कि हमारा अपहरण नहीं हुआ, बल्कि हम अपनी मर्जी से गए थे। इन सदस्यों का यह वीडियो तब सामने आया, जब पुलिस ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, भाजपा प्रत्याशी के पति आनंद दर्मवाल समेत 11 नामजद और 15 से 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने यह कार्रवाई जिपं अध्यक्ष प्रत्याशी पुष्पा नेगी, सदस्य जीशांत कुमार और दो अन्य सदस्यों के परिजनों की तहरीर पर एक्शन लेते हुए की।
वीडियो में क्या बोले कांग्रेस के लापता सदस्य
इस वीडियो में जिला पंचायत सदस्य डिकर सिंह मेवाड़ी पहले अपना और फिर एक-एक करके अन्य सभी जिला पंचायत सदस्यों का परिचय देते हुए कहते हैं, ‘हम अपनी मर्जी से, स्वयं की इच्छा से घूमने निकले हैं। लेकिन हमने सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर हमने देखा तो कि कहीं ना कहीं हमारे अपहरण की अफवाहें उड़ाई जा रही हैं, जो कहीं ना कहीं निंदनीय है और हम इसकी घोर निंदा करते हैं। साथ ही हम सभी क्षेत्रवासियों से और अपने परिजनों से निवेदन करते हैं कि हम लोग सभी लोग स्वेच्छा से घूमने आए हैं और हम सभी सुरक्षित हैं और हम जल्द ही आप सबके बीच आ करके सरकार के सहयोग से अपने क्षेत्र के विकास में अग्रसर होंगे।’
कांग्रेस ने पुलिस की मौजूदगी में अपहरण का लगाया था आरोप
इससे एक दिन पहले गुरुवार को हुए इस चुनाव के दौरान पुलिस की मौजूदगी में मतदान स्थल से कुछ ही दूरी पर कांग्रेस सदस्यों डिकर सिंह मेवाड़ी, प्रमोद सिंह, तरुण कुमार शर्मा, दीप सिंह बिष्ट और विपिन सिंह को कुछ लोगों ने जबरन उठा लिया था। इस घटना को लेकर कांग्रेस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर खुलेआम गुंडागर्दी करते हुए अपहरण करने का आरोप लगाया था।
घटना के बाद कांग्रेस ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद तल्लीताल पुलिस ने एसआई सतीश उपाध्याय की तहरीर पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपहरण और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। देर रात, पुष्पा नेगी, सदस्य जीशांत कुमार, सदस्य प्रमोद कोटलिया के भाई विनोद कोटलिया और डिकर मेवाड़ी के साले आशीष गौनिया की ओर से अलग-अलग तहरीरें देकर भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं और अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया।
एसओ रमेश सिंह बोरा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, ‘इस सिलसिले में आरोपियों आनंद दर्मवाल, शंकर कोरंगा, प्रताप बिष्ट, चतुर बोरा, प्रमोद बोरा, प्रखर साह, बीबी भाकुनी, विशाल नेगी, पंकज नेगी, शुभम दर्मवाल, कोमल दर्मवाल सहित 10 से 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 191(2), 140(3), 115(2), 352, 351(3), 74, 62 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इधर मुकदमा दर्ज होते ही लापता पांचों जिला पंचायत सदस्यों ने स्वेच्छा से मतदान से किनारा करने की बात कही है। उनका कहना है कि वे सरकार के साथ मिलकर क्षेत्र का विकास करेंगे।’
इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस ने नैनीताल के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान BJP नेताओं पर तलवारों और पिस्टलों की नोक पर 6 कांग्रेस जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस के आरोपों के अनुसार ये सभी सदस्य पार्टी के दूसरे चुने हुए सदस्यों के साथ वोटिंग के लिए बस में जा रहे थे। साथ में नेता विपक्ष समेत अन्य पार्टी नेता भी थे। इसी दौरान BJP के लोगों ने बस पर धावा बोल कर हमारे सदस्यों को अगवा कर लिया ताकि चुनाव में हार को ज़बरदस्ती, हिंसा से सहारे जीत में बदल सकें।

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