पशुपालन, उत्तराखण्ड सरकार श्री सौरभ बहुगुणा जी की अध्यक्षता में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गयी है। बैठक में डा०बी०वी०आर०सी० पुरुषोत्तम, सचिव पशुपालन, उत्तराखण्ड शासन द्वारा विभागीय प्रगति का विवरण प्रस्तुत किया गया। समीक्षा बैठक में मा०मंत्रीजी द्वारा सचिव, पशुपालन एवं विभागीय अधिकारियों को निम्नलिखित निर्देश जारी किये गयेः-
1. विभागीय कियाकलापों का वृहद प्रचार प्रसार पर जोर दिया जाय, ताकि आम जनमानस को विभागीय योजनाओं की जानकारी प्राप्त हो सके।
2. राज्य में आयोजित होने वाले वृहद मेले में विभागीय स्टॉल लगवाना सुनिश्चित किया जाय।
3. 1962 मोबाइल पशुचिकित्सा वाहन द्वारा पशुपालकों को दी जा रही सेवाओं में कभी-कभी आम जनमानस को ठीक प्रकार से सेवा उपलब्ध नहीं हो रही है। 1962 मोबाइल पशुचिकित्सा वाहन सेवा प्रदाता का अनुश्रवण पर अधिक ध्यान दिया जाय।
4. प्रत्येक जिला पशुचिकित्सालय पर अल्ट्रासांउड की सुविधा मुहैया कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्रारम्भ की जाय।
5. पशुपालकों की आजीविका में सुधार एवं स्वरोजगार को बढ़ावा दिये जाने के उददेश्य से गोट वेली योजना में प्रत्येक वर्ष अवमुक्त की जाने वाली धनराशि रूपये 50 लाख को बढ़ाकर रूपये 75 लाख करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। इस सम्बन्ध में अपेक्षा की गयी है कि योजना का लाभ अधिक से अधिक पशुपालकों को मिल सके तथा उनकी आजीविका में सुधार हो सके
मा० मंत्री जी, पशुपालन, मत्स्य, दुग्ध विकास, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, कौशल विकास, सेवायोजन एवं प्रोटोकोल उत्तराखण्ड सरकार की अध्यक्षता में आज दिनांक 19.04. 2025 को डेरी विकास विभाग की सचिवालय स्थित मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन के सभागार में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गयी जिसमे सचिव, डेरी उत्तराखण्ड शासन, निदेशक, डेरी विकास विभाग एवं प्रबन्ध निदेशक, यू०सी०डी०एफ० द्वारा प्रतिभाग किया गया।
राज्य सरकार द्वारा विगत वर्षों में स्वीकृत की गयी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश का औसतन दुग्ध उपार्जन 2.12 लाख ली० प्रतिदिन प्राप्त किया गया जो राज्य गठन के उपरान्त सर्वाधिक है। इसी प्रकार साईलेज, आंचल पशु आहार, भूसा भेली एवं मिनरल मिक्सचर के विकय की प्रगति भी सर्वाधिक रही, जिस पर मा० मंत्री जी द्वारा विभागीय अधिकारियों को बधाई दी गयी।
आंचल दूध एवं दुग्ध पदार्थों के विपणन में आशातीत प्रगति नहीं होने पर मा० मंत्री जी द्वारा विपणन में वृद्धि हेतु कार्ययोजना तैयार कर कार्य करने एवं आगामी 05 से 06 माह में वृद्धि सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। ततसम्बन्धी प्रगति प्राप्त न करने वाले दुग्ध सघों के इकाई प्रभारी पर प्रशासनिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। दुग्ध संघो के व्ययों में कमी लाई जाये इस हेतु समस्त दुग्ध संघों को लक्ष्य आवंटित करते हुए लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित कराई जाये।
मा० मंत्री जी द्वारा आंचल की मार्केटिंग एवं ब्राण्डिग पर भी विशेष रूप से कार्य किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। आंचल का व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने हेतु प्रदेश के मुख्य स्थलों पर होर्डिंग्स एवं बोर्ड इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये, साथ ही विभिन्न तरीकों से आंचल की पब्लिसिटी की जाये ताकि अधिक से अधिक उपभोगताओं तक आंचल दूध व दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चत हो सके। केदारनाथ यात्रामार्ग के साथ-साथ बद्रीनाथ, गंगोत्री एवं यमनोत्री यात्रा मार्गों पर आंचल मिल्क बूथ/पार्लर स्थापित कर श्रद्धालुओं/पर्यटकों हेतु विभिन्न आंचल दूध एवं दुग्ध पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
दिनांक 19.04.2025 को मा० मंत्री जी मत्स्य विकास, उत्तराखण्ड सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में किये गये कार्य एवं वर्ष 2025-26 में किये जाने वाले महत्त्वपूर्ण कार्यों की समीक्षा की गयी। मत्स्य विभाग की प्रगति से डा० बी०वी०आर०सी० पुरूषोत्तम सचिव मत्स्य, उत्तराखण्ड शासन द्वारा अवगत कराया गया कि मा० मुख्यमंत्री जी, उत्तराखण्ड सरकार एवं माननीय मंत्री जी, मत्स्य पालन, उत्तराखण्ड सरकार के दिशा निर्देशो में मात्स्यिकी सेक्टर निरन्तर रूप से बढ़ रहा है। गत वर्ष भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को मात्स्यिकी क्षेत्र में हिमालयी एवं उत्तर-पूर्वी राज्यो की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ राज्य हेतु पुरूस्कृत किया गया है। साथ ही उत्तराखण्ड राज्य अन्तर्गत मात्स्यिकी सेक्टर में तीव्र गति से बढ़ने वाले सेक्टर में तृतीय स्थान पर है। सचिव मत्रय, उत्तराखण्ड शासन द्वारा ट्राउट मत्स्य पालको द्वारा आपूर्तित की जा रही ट्राउट की सप्लाई हेतु आई०टी०बी०बी० के साथ किये गये अनुबंध हेतु माननीय मंत्री का हार्दिक आभार व्यक्त किया गया।
सचिव मत्स्य द्वारा वर्ष 2025-26 में राज्य अन्तर्गत एक वृहद्ध एक्वेयिरम कम डिस्कवरी सेन्टर की स्थापना हेतु किये जा रहे प्रयास, केबिनेट द्वारा स्वीकृत की गयी योजना “ट्राउट प्रोत्साहन योजना” हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये जाने की जानकारी, जलाशयों में केज कल्चर एवं उत्पादन को बढाये जाने हेतु केन्द्रीय अंर्तस्थलीय मात्रियकी अनुसंधान संस्थान बैरकपुर से कराये जा रहे सर्वेक्षण, रोजगार सृजन हेतु संचालित योजनाओ एवं उनके लक्ष्य, प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना में किये जा रहे कार्यों के सन्दर्भ अवगत कराया गया।
मा० मंत्री जी, मत्स्य विकास, उत्तराखण्ड सरकार द्वारा विभिन्न तथ्यो की समीक्षा उपरान्त वर्ष 2025-26 में ट्राउट मछली की मार्केटिंग एवं बॉण्डिंग पर विशेष फोकस करते हुए कार्य किये जाने के निर्देश दिये गये जिससे कि ट्राउट मत्स्य पालको को समुचित लिकेंज मिल सके। गढ़वाल एवं कुमायूँ मण्डल में पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य विभाग की गतिविधियों को सम्मिलित कर 01-01 मॉडल विलेज विकसित किये जाने के निर्देश दिये गये जिसे भविष्य में अन्य स्थानो पर विस्तारित किया जायेगा। साथ ही राज्य में एंग्लिंग की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत इस वर्ष न्यून्तम 3 साईट विकसित किये जाने के निर्देश दिये गये। जून, 2025 से पूर्व ट्राउट मार्केटिंग को बढ़ाये जाने हेतु जनपद देहरादून में एक सेमिनार का आयोजन किये जाने के भी निर्देश दिये गये।
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