मीटर था ‘स्मार्ट’, छेड़छाड़ करते ही कंट्रोल रूम पहुंच गया अलर्ट, घबराकर भागे बिजली चोर
तीन दिन पहले गुरुकुल नारसन स्थित 33 केवी सब स्टेशन में रात करीब एक बजे चार लोग भीतर घुसे। उन्होंने वासू स्टील फैक्टरी के मीटर में छेड़छाड़ शुरू की। लेकिन यह स्मार्ट मीटर था।
रुड़की के गुरुकुल नारसन में मीटर में छेड़छाड़ इसलिए पकड़ में आई क्योंकि बिजलीघर में लगा वह स्मार्ट मीटर था। यूपीसीएल प्रबंधन के मुताबिक, जैसे ही चोरों ने इस मीटर की सील हटाने की कोशिश की तो तुरंत मीटर की स्क्रीन पर अलर्ट के साथ ही कंट्रोल रूम तक उसकी रिपोर्ट पहुंच गई। इससे घबराकर भागे चोरों को पुलिस ने पकड़ लिया।
दरअसल, तीन दिन पहले गुरुकुल नारसन स्थित 33 केवी सब स्टेशन में रात करीब एक बजे चार लोग भीतर घुसे। उन्होंने वासू स्टील फैक्टरी के मीटर में छेड़छाड़ शुरू की। यह स्मार्ट मीटर था। यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमआर आर्य ने बताया कि जैसे ही उन्होंने मीटर की सील हटाने का प्रयत्न किया तो मीटर की स्क्रीन पर उसका अलर्ट आ गया। साथ ही उनके कंट्रोल रूम में भी इसका मैसेज आ गया। मीटर की स्क्रीन को देखकर अचानक चोर घबरा गए। वे भागने लगे तो संदिग्ध गतिविधि देखकर पुलिस ने रोक लिया। पूछताछ में उन्होंने बिजली मीटर में चोरी के लिए छेड़छाड़ की बात स्वीकारी, जिसके बाद मुकदमा दर्ज हुआ।
निदेशक आर्य ने बताया कि स्मार्ट मीटर अत्याधुनिक तकनीकी से लैस है। जैसे ही इसका कोई ढक्कन भी खोलने का प्रयास करेगा तो न केवल मीटर पर अलर्ट दिखेगा बल्कि यूपीसीएल के कंट्रोल रूम तक इसका पूरा रिकॉर्ड आ जाता है। किसी मीटर में कोई कितनी छेड़छाड़ कर रहा है, उसका रिकॉर्ड 10 साल तक निगम के पास सुरक्षित रहता है।
केवल बिजलीघर के मीटर पर विफल प्रयास
निदेशक परिचालन एमआर आर्य ने बताया कि चोरों ने केवल बिजलीघर के मीटर में छेड़छाड़ का प्रयास किया था, फैक्टरी का मीटर ठीक था। फिर भी एहतियात के तौर पर उन्होंने दोनों मीटर को सील करके जांच के लिए भेजा है। उन्होंने कहा कि चूंकि मीटर में कुछ बदलाव नहीं किए जा सके, इसलिए बिजली चोरी तो नहीं हुई फिर भी मामले की विस्तार से जांच हो रही है।
स्मार्ट मीटर से बदल रही सूरत
रुड़की क्षेत्र में सभी एचटी उपभोक्ताओं व आम उपभोक्ताओं के मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। यूपीसीएल प्रबंधन के मुताबिक, स्मार्ट मीटर लगने के कारण तेजी से लाइन लॉस कम हो रहा है। रुड़की क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों के भीतर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन(टी एंड डी) हानि करीब 11 प्रतिशत कम हो गई है। जैसे-जैसे सभी जगहों पर स्मार्ट मीटर लगेंगे, यह लॉस और कम होता चला जाएगा

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