मेहंदीपुर की गुत्थी: बालाजी के दर्शन के बाद हुई थी सुरेंद्र की तबीयत खराब, फिर कमरे में परिवार समेत मिले मृत
मेंहदीपुर बालाजी दर्शन के लिए गए देहरादून के परिवार के चार लोग धर्मशाला में कमरा नंबर 119 में मृत मिले। कर्मचारी सफाई करने पहुंचा तो दरवाजा खोलते ही उसके होश उड़ गए।
राजस्थान के मेहंदीपुर में दून के परिवार के चार सदस्यों की मौत के मामले में राजस्थान पुलिस अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। हालांकि, इतना पता चला है कि मंगलवार की सुबह बालाजी के दर्शन के बाद लौटते हुए सुरेंद्र उपाध्याय और उनकी पत्नी की तबीयत खराब हुई थी।
बेटा और बेटी उन्हें अस्पताल ले गए। वहां से सभी सही सलामत लौटे। लेकिन, महज कुछ घंटों बाद चारों कमरे में मृत पाए गए। अब इस बीच उनके साथ ऐसा क्या हुआ कि एकाएक चारों की मौत हो गई। इसी गुत्थी को सुलझाने के लिए राजस्थान की दौसा पुलिस जांच कर रही है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि राजस्थान पुलिस ने अब तक की पड़ताल की जानकारी मुहैया कराई है। पता चला है कि सुरेंद्र उपाध्याय परिवार के साथ मेहंदीपुर 13 जनवरी को पहुंचे थे। वहां उन्होंने 14 जनवरी की शाम तक के लिए धर्मशाला में कमरा लिया।
14 जनवरी की सुबह करीब आठ बजे परिवार बालाजी के दर्शन कर लौट रहा था। इसी बीच सुरेंद्र उपाध्याय और उनकी पत्नी कमलेश अचानक लड़खड़ाते हुए चलने लगे। यह सब देखकर नितिन और नीलम अपने माता-पिता को एक ई-रिक्शा से नजदीकी अस्पताल ले गए। कुछ घंटे बाद अस्पताल से छुट्टी मिली तो वापस धर्मशाला में अपने कमरे में आ गए।
यह सब धर्मशाला के सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड है।
शाम को ही उन्हें कमरा खाली करना था। इसी बीच अस्पताल का एक कर्मचारी वहां पहुंचा तो देखा कि सभी अचेत अवस्था में पड़े हैं। सुरेंद्र उपाध्याय बिस्तर पर पड़े थे। नीलम और कमलेश फर्श पर अचेत अवस्था में पड़े थे। जबकि, नितिन कमरे के बाथरूम के रास्ते पर पड़ा था। मौके पर पहुंची चिकित्सकों की टीम ने चारों को मृत घोषित कर दिया। अब इस बीच उनके साथ क्या हुआ पुलिस इसी की जांच में जुटी हुई है। प्रथमदृष्टया राजस्थान पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या मान रही है। बताया जा रहा है कि मौके पर ऐसी कोई वस्तु नहीं मिली है, जिसके सेवन से ऐसा संभव हो। मृतकों का बृहस्पतिवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
रिश्तेदार बोले- खुशमिजाज था परिवार, आत्महत्या संभव नहीं
उपाध्याय परिवार के रिश्तेदार और पड़ोसी बताते हैं कि यह परिवार बेहद खुशमिजाज था। कभी ऐसी कोई बात नहीं की जिससे लगे कि उनके जीवन में ऐसा कुछ चल रहा है कि वह आत्महत्या करेंगे। ऐसे में इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि चारों ने आत्महत्या की है। नीलम का अपने ससुराल पक्ष से विवाद था। वह पांच साल से अपने माता-पिता और भाई के पास रह रही थी। पति से तलाक का मुकदमा भी चल रहा है। अभी नितिन अविवाहित था। उसकी शादी की बातचीत चल रही थी। रिश्तेदार शुभम ने बताया कि वह अन्य परिजनों और रिश्तेदारों के संपर्क में लगातार रहते हैं। मगर, कभी ऐसी कोई बात सामने नहीं आई। ऐसे में पुलिस की जांच के बाद ही इसमें कुछ कहा जा सकता है।
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