एमडीएमए ड्रग्स तस्करी के अंडरवर्ल्ड से भी जुड़े हो सकते हैं तार, हनी दादा पर घूमी शक की सुई
थाणे पुलिस ने 31 मई को दो तस्करों को 11 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला था कि एनडीपीएस में क्लास तीन की यह ड्रग्स उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के थल क्षेत्र में बनाई जा रही है।
एमडीएमए ड्रग्स तस्करी और इसे बनाने के धंधे के तार अंडरवर्ल्ड से भी जुड़े हो सकते हैं। ड्रग्स जिस मुर्गी फॉर्म में बनाई जा रही थी वह छोटा राजन के साथी हनी दादा का है। यहीं से पिछले दिनों मुंबई पुलिस ने एमडीएमए बनाने का केमिकल और उपकरण बरामद किए थे। साथ ही पांच आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था।
हनी दादा की भूमिका इसमें सीधे तौर पर है या नहीं इसके लिए एसटीएफ मुंबई की थाणे पुलिस का भी सहयोग ले रही है। बता दें कि थाणे पुलिस ने 31 मई को दो तस्करों को 11 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला था कि एनडीपीएस में क्लास तीन की यह ड्रग्स उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के थल क्षेत्र में बनाई जा रही है। इसके बाद थाणे पुलिस ने 26 जून को थल के गैंडाखाली स्थित एक मुर्गी फॉर्म में छापा मारा और यहां से केमिकल व उपकरण जब्त किए।
इस कार्रवाई में कोई आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ। पता चला कि आरोपी यहां से नेपाल भागने की तैयारी कर रहे हैं। इस सूचना की तस्दीक पर थाणे पुलिस ने नेपाल बॉर्डर से तीन आरोपियों भीम यादव, मोनू गुप्ता और अमन कोहली को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ भी सक्रिय हुई और गत 13 जून को ईशा नाम की महिला को पांच किलोग्राम एमडीएमए के साथ गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला जिस मुर्गी फॉर्म में यह ड्रग्स बनाई जा रही थी वह अंडरवर्ल्ड माफिया छोटा राजन के साथी हनी दादा का है
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि इस फॉर्म को हनी दादा ने नरेश शाकरी नाम के व्यक्ति को किराये पर दिया था। हनी दादा का मुंबई में कई अपराधों में नाम सामने आया था। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमे दर्ज हैं। उसका संबंध छोटा राजन से काफी पुराना है। ऐसे में उसकी भूमिका भी इस मामले में है या नहीं इसकी जांच की जा रही है।
पत्रकार जेडे हत्याकांड में भी आया था नाम
हनी दादा का नाम वर्ष 2011 में मुंबई में हुई पत्रकार जेडे हत्याकांड में भी आया था। उस वक्त प्राथमिक जांच में बताया गया था कि हत्या के लिए नेपाल के रास्ते हथियार आए हैं जिन्हें भारत लाने में हनी दादा का हाथ है हालांकि उस वक्त हनी दादा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन आरोपों से इन्कार किया था। तीन जुलाई 2011 को हनी दादा ने चंपावत में पुलिस पार्टी पर फायरिंग के आरोप में न्यायालय में सरेंडर कर दिया था। जेडे हत्याकांड में हनी दादा पर मुकदमा नहीं चलाया गया था।
पूछताछ के लिए थाणे भी जा सकती है एसटीएफ
इस मामले में ज्यादातर जानकारियां थाणे पुलिस के पास ही हैं। ऐसे में एसटीएफ पूछताछ के लिए थाणे भी जा सकती है। उत्तराखंड एसटीएफ और ऊधमसिंहनगर पुलिस ने भी मंगलवार को बड़ी सफलता कुनाल राम कोहली को गिरफ्तार कर पाई थी। कोहली ही मुख्य रूप से इस फैक्टरी को संचालित कर रहा था। ऐसे में ऊधमसिंहनगर पुलिस भी कुनाल कोहली को जल्द पूछताछ के लिए कस्टडी में लेने की तैयारी कर रही है।
हनी दादा का सीधे तौर पर कोई जुड़ाव है या नहीं इसकी जांच की जा रही है। जांच में इस बात की पुष्टि तो हुई है कि यह मुर्गी फॉर्म हनी दादा का ही है। ऐसे में एसटीएफ अधिकारी उसकी भूमिका की गहनता से जांच कर रहे हैं। इसमें विदेशी कनेक्शन की भी जांच की जा रही है।
– डॉ. नीलेश आनंद भरणे, आईजी एसटीएफ

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