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Big breaking :-मार्च फाइनल…खर्च में छह और आय में 10 फीसदी बढ़ोतरी, वित्त विभाग ने जारी किए आंकड़े

 

मार्च फाइनल…खर्च में छह और आय में 10 फीसदी बढ़ोतरी, वित्त विभाग ने जारी किए आंकड़े

सरकार ने बजट में 94247 करोड़ का प्रावधान किया था। इसमें से 50500 करोड़ रुपये का राजस्व खर्च और 11 हजार करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च हुआ। इसके अलावा 4360 करोड़ रुपये का ऋणों को पुनर्भुगतान पर खर्चा गया।

प्रदेश सरकार ने 31 मार्च शाम पांच बजे तक कुल बजट का 70 फीसदी खर्च कर दिया था। सचिव वित्त दिलीप जावलकर के मुताबिक, खर्च की मद में अर्थोपाय अग्रिम (वेज एंड मीन्स एडवांस) को जोड़ दें तो यह 80 फीसदी से अधिक पहुंच जाता है। यानी पिछले साल से ज्यादा है।

वित्त विभाग ने सोमवार को शाम को राजस्व प्राप्ति एवं खर्च के आंकड़े जारी किए। सरकार ने बजट में 94247 करोड़ का प्रावधान किया था। इसमें से 50500 करोड़ रुपये का राजस्व खर्च और 11 हजार करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च हुआ। इसके अलावा 4360 करोड़ रुपये का ऋणों को पुनर्भुगतान पर खर्चा गया। इस तरह कुल खर्च 70 हजार करोड़ रुपये के आसपास रहा।

वेज एंड मीन्स एडवांस को इसमें शामिल करने पर यह राशि और अधिक बढ़ जाएगी। पिछले साल की तुलना में राजस्व खर्च छह फीसदी बढ़ा। राजस्व प्राप्ति के मामले में भी सरकार ने पिछले साल की तुलना में सुधार किया है। सचिव वित्त के अनुसार, इस साल विभाग ने 10 फीसदी अधिक आय अर्जित की। अंतिम आंकड़े आने के बाद इसमें और वृद्धि होने की संभावना है। 31 मार्च तक सरकार की कुल आय 66 हजार करोड़ होने का अनुमान है। पिछले वर्ष यह 59,935 करोड़ रुपये थी।

अवस्थापना कार्यों पर 11 हजार करोड़ खर्च किए

लगातार दूसरे साल सरकार पूंजीगत खर्च को 10 हजार के पार पहुंचाने में कामयाब रही। इससे राज्य में कई अवस्थापना कार्य हुए। मानसून, आपदाएं, चुनाव व्यवस्तताओं के बावजूद सरकार ने पूंजीगत खर्च की रफ्तार को बनाए रखा। पिछले साल सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस तरह सरकार को इस बार 10 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है।

वित्त विभाग 1432 करोड़, लोनिवि 1408 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग ने 1382 करोड़, सिंचाई विभाग ने 924 करोड़, शहरी विकास ने 763 करोड़, ऊर्जा विभाग ने 756 करोड़, खाद्य एवं आपूर्ति ने 605 करोड़, पेयजल ने 486 करोड़, माध्यमिक शिक्षा ने 287 करोड़, आवास विभाग ने 229 करोड़, पर्यटन विभाग ने 215 करोड़, आपदा प्रबंधन ने 196 करोड़, लघु सिंचाई ने 181 करोड़, गृह विभाग ने 128 करोड़, परिवहन ने 119 करोड़, वन ने 115 करोड़ रुपये खर्च किए।

100 करोड़ से कम पूंजीगत खर्च करने वाले विभाग

समाज कल्याण 97 करोड़, खेल विभाग 97 करोड़, चिकित्सा शिक्षा 94 करोड़, तकनीकी शिक्षा 86 करोड़, उच्च शिक्षा 79 करोड़, आरईएस 65 करोड़, श्रम 63 करोड़, न्याय 63 करोड़, अल्पसंख्यक कल्याण 61 करोड़, कृषि 59 करोड़, उद्यान 52 करोड़ और राज्य संपत्ति का 52 करोड़ पूंजीगत खर्च रहा।

अपने संसाधनों से सरकार ने कमाए 20,680 करोड़

प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से आय में सात प्रतिशत की वृद्धि की। 31 मार्च सरकार ने 20680 करोड़ की आय राज्य के कर राजस्व प्राप्त की। 2023-24 में सरकार को 19245 करोड़ रुपये की आय हुई थी। प्रमुख राजस्व स्रोतों में से राज्य कर(एसजीएसटी) गत वर्ष 8297 करोड़ से बढ़कर 9256 करोड़ हो गया।

यह 11.5 प्रतिशत बढ़ा। स्टाम्प एवं पंजीकरण शुल्क आठ प्रतिशत की दर से 2635 करोड़ हो गया। आबकारी से सरकार को 4310 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ जबकि पिछले साल 4041 करोड़ का राजस्व मिला था। खनन से सरकार को 1035 करोड़ का राजस्व मिला जो गत वर्ष की तुलना में 60 फीसदी अधिक है। वन से सरकार को 574 करोड़ की आय हुई। पिछले साल यह 574 करोड़ रुपये थी। केंद्रीय करों में भी राज्य का अंश 14 प्रतिशत की दर से बढ़कर 14,386 करोड़ रुपये हो गया

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Author: Swati Panwar
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