ये है उत्तराखंड के वन मंत्री जिनके जिमें वन विभाग की पूरी भाग डोर है, जहां उत्तराखंड में पिछले पांच महीनों में 12 बाघों की मौत हुई है,जिसमे कुमाऊं मंडल की सेंट्रल तराई क्षेत्रों में आंकड़े बढ़े हैं। लगातार बाघों की मौत को लेकर जब पत्रकारों ने सवाल वन मंत्री सुबोध उनियाल से किया तो उनका कहना कुछ और ही था,
उनका जवाब है कि मनुष्य जन्म लेता है तो उसकी मृत्यु भी होती है..उनके इस बयान से ऐसा लग रहा था जैसे कोई धर्मगुरु प्रवचन दे रहा हो…. इस से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब जिमेदारी लेने वाला ही इस तहर से बयान दे तो आखिर कार बाघों का संरक्षण कैसे हो सकता …
गौरतलब है कि 2018 की गणना के अनुसार प्रदेश में बाघों की संख्या 442 थी, इस साल बाघों की मौत का पहला मामला जनवरी में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हुई, 2001 से 2023 तक राज्य में कुल 181 बाघों की मौत हो चुकी है। जिनमें शिकार ,दुर्घटनाएं ,जंगल की आग, आपसी संघर्ष ,जाल में फंस कर मौत के मामलों को दर्ज किया गया है।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 न्यूज़ हाइट के समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट के फेसबुक पेज़ को लाइक करें