सम्पूर्ण प्रदेश में सड़क निर्माण (डामरीकरण) के नाम पर विभागों के द्वारा सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। करोड़ो की लागत से बनी सड़कें घटिया निर्माण और गुणवत्ताहीन होने के चलते चंद महीनों में ही दम तोड़ रही हैं। आवागमन की सुलभ सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर प्रशासनिक अमला ठेकेदारों के साथ सांठगांठ करके सड़क निर्माण को सजावट की तरह परोस रहे हैं |
एक तरफ road बन रही तो दूसरी तरफ सड़क उखडने लग़ जा रही हैं। लेकिन घटिया गुणवत्ता के कारण डामरीकरण की शिकायत करने पर उक्त स्थानों पर टल्ले लगा कर लीपापोती की जा रही है कई स्थानों पर एक इंच से भी कम परत चढ़ाई गई है। कुछ स्थानों को बिना सोलिंग और सफाई के छोड़ दिया गया है। सड़क पर चलते समय पैर की ठोकर लगने से ही डामर उखड़ रहा है। जगह जगह ग्रामीण घटिया निर्माण कार्य के लिए आंदोलन कर रहे है लेकिन सरकार/ प्रशासन / विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे है।
अधिकारियों की मिलीभगत और सरकार और विभाग की चुप्पी से बनाई जा रही सड़कों में व्यापक भ्रष्टाचार हो रहा है।करोड़ो रूपये से बनने वाले यह सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है और शासकीय राशि का जमकर बंदरबाट किया जा रहा है।शिकायतों के बाद भी ठेकेदारों और उन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही।कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठने वाली है। इस मुद्दे को आने वाले विधानसभा सत्र में पुरजोर तरीके से उठाएगी।
यशपाल आर्य
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